हॉकी के चक्कर में बीसीसीआई ने निम्बस को टांगा
१२ दिसम्बर २०११बीसीसीआई ने तय करार को तीन साल पहले ही निरस्त कर दिया. सोमवार को बीसीसीआई कार्यसमिति की बैठक में सर्वसम्मति से निम्बस के साथ प्रसारण करार रद्द करने का फैसला हुआ. करार निरस्त होने के साथ ही निम्बस अब टीम इंडिया के भारत में होने वाले मैचों का प्रसारण नहीं कर सकेगा. बीसीसीआई ने यह फैसला ऐसे वक्त में किया है, जब भारत में एक दिन पहले ही अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट सीरीज खत्म हुई है और अब कुछ महीने तक भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर रहेगी.
बीसीसीआई के एक अधिकारी ने कहा, "सदस्य इस बात पर एकमत थे कि हमेशा पैसा देने में देरी करने वाले बकायेदारों के साथ नहीं चला जा सकता." निम्बस ने अक्टूबर 2009 में बीसीसीआई के साथ चार साल का करार किया था. बीसीसीआई के मुताबिक चैनल ने अभी तक 24 करोड़ रुपये का ही भुगतान किया. उस पर अब भी 88 करोड़ रुपये बकाया हैं. करार के तहत निम्बस को हर मैच के लिए बीसीसीआई को 31.5 करोड़ रुपये चुकाने थे.
बोर्ड अधिकारी के मुताबिक, "अभी तक ऐसी एक भी सीरीज नहीं हुई है, जिसमें उन्होंने समय पर पूरा पैसा दिया हो. एक कारण यह भी है कि वेस्ट इंडीज के साथ वनडे सीरीज के खत्म होने के बाद होम सीरीज को लेकर भारत की अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धता खत्म हो गई है." भारत में अगली सीरीज अब लंबे वक्त बाद है. बीसीसीआई को लगता है कि इस वक्त में उसे नया प्रसारक मिल जाएगा. करार निरस्त होने का मतलब है कि अब नया प्रसारक मिलने तक घरेलू क्रिकेट का भी प्रसारण नहीं होगा. हालांकि जिस तरह से करार रद्द हुआ है, उससे साफ है कि निम्बस अदालत का रुख करेगा.
बीसीसीआई की चिढ़ की एक वजह और है. निम्बस ने क्रिकेट के लिए तय समय में वर्ल्ड सीरीज हॉकी को बढ़ावा देने की कोशिश की. अधिकारी ने कहा, "वे क्रिकेट मैचों में ब्रेक के दौरान हॉकी के खिलाड़ियों को ला रहे हैं. संजय मांजरेकर और कोर्टनी वॉल्श जैसे कमेंटेटरों को हॉकी खिलाड़ियों से सवाल पूछने पर मजबूर कर रहे हैं."
भारतीय क्रिकेट बोर्ड इस बात से झल्लाया हुआ है कि उसकी नाक के नीचे आईपीएल की तर्ज पर हॉकी को बढ़ावा देने की हिमाकत किसी ने कैसे की. यह सबको पता है कि दुनिया के सबसे ताकतवर क्रिकेट बोर्ड ने कैसे आईसीएल को तबाह किया और फिर उसकी नकल मार कर आईपीएल शुरू किया. ऐसे में बीसीसीआई आखिर हॉकी लीग को कैसे बर्दाश्त करेगी.
रिपोर्ट: पीटीआई/ओ सिंह
संपादन: ए जमाल