2013 तक विदेशी पायलट हटा दिए जाएंगेः डीजीसीए
१२ जुलाई २०११नागरिक विमानन के महानिदेशक ईके भारतभूषण ने सोमवार को कहा, "हमें उम्मीद है कि 2013 तक भारत बिना विदेशी पायलटों के भी अपने सारे विमान उड़ा सकेगा." भारत भूषण ने कहा कि ज्यादा से ज्यादा युवा विमानन क्षेत्र में नौकरी के लिए आ रहे हैं और कई फ्लाईंग स्कूल चल रहे हैं, ऐसे में पूरी संभावना है कि अगले कुछ सालों में यहां सिर्फ भारतीय कर्मचारी होंगे.
विदेशी पायलटों की संख्या में पिछले कुछ सालों से लगातार गिरावट आ रही है क्योंकि भारतीय पायलटों की तादाद बढ़ रही है. ऐसे में डीजीसीए को एयरलाइनों से कहना पड़ रहा है कि वे विदेशी पायलटों की धीरे धीरे छुट्टी करे. एक वजह यह भी है कि विदेशी पायलटों को ज्यादा वेतन देना पड़ता है इसलिए एयरलाइन भी ज्यादा से ज्यादा देसी पायलटों को अपने बेड़े में शामिल करते जा रहे हैं.
भारत के नागरिक विमानन विभाग डीजीसीए के मुताबिक 2009 में भारतीय एयरलाइनों में कुल 686 विदेशी पायलट थे. 2011 आते आते इनकी संख्या घट कर 350 रह गई है. जबकि कुल 1300 भारतीय पायलट भारत के एयरलाइनों में काम कर रहे हैं.
पायलटों के फर्जी लाइसेंस मुद्दे पर भारत भूषण ने कहा कि मंत्रालय ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और अब तक 16 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इस मामले में तीन डीजीसीए के कर्मचारी भी गिरफ्तार किए गए हैं. पायलट की भर्ती के लिए परीक्षा को और ज्यादा पारदर्शी बनाने के लिए ऑनलाइन टेस्ट लिए जा रहे हैं. इसके लिए सिलेबस और सवाल तैयार कर जल्दी ही डीजीसीए की वेबसाइट पर डाल दिए जाएंगे. डीजीसीए के आधुनिकीकरण के लिए 350 करोड़ रुपये के लागत वाली एक योजना तैयार कर सरकार के पास भेज दी गई है.भारत भूषण ने बताया कि मंदी के दौर से उबरने के बाद देश का नागरिक विमानन क्षेत्र लगातार विकास की तरफ बढ़ रहा है और इसमें अप्रत्याशित तेजी आई है. घरेलू यात्रियों की संख्या पिछले साल ही पांच करोड़ का आंकड़ा पार कर चुकी है और इस साल जुलाई तक इसमें 24 फीसदी का इजाफा हुआ है.
रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन
संपादनः ईशा भाटिया