'26/11 का मास्टरमाइंड आईएसआई के चौधरी खान'
२५ मई २०११50 साल के डेविड हेडली ने शिकागो अदालत को तहव्वुर राणा पर चल रहे मुकदमे की सुनवाई के दौरान बताया कि 2008 सितंबर में मुंबई पर हमले की कोशिश नाकाम हो गई थी क्योंकि जिस नाव में आतंकी आए थे वह खो गई.
अदालत में हेडली ने कहा कि मेजर इकबाल के मुताबिक सितंबर में वह पाकिस्तानी नाव खो गई थी जिसमें हमलावरों को कुछ दूर ले जाया जाना था. इसके बाद उन्हें भारतीयों की मछली मार नाव में भेजे जाने की योजना थी. इकबाल के हवाले से हेडली ने यह भी कहा कि इस दौरान 12 लाइफ जैकेट भी खो गए थे.
मास्टरमाइंड मेजर इकबाल
हेडली ने बताया कि मेजर इकबाल चौधरी खान नाम का आईडी रखते थे. वही मुख्य फैसले लेते थे और 26/11 हमले के मास्टरमाइंड थे.
कोर्ट में पेश किए गए कई ईमेल इस बात का सबूत हैं कि हेडली लगातार आईएसआई से संपर्क में था, खासकर मेजर इकबाल के साथ. 23 अप्रैल 2008 को हेडली ने जासूसी कैमरे और पेन कैमरे से चौधरी खान को जानकारी भेजी थी.
हेडली ने बताया, "मेजर इकबाल ने मुझसे कहा कि मुंबई के छाबाड हाउस को लक्ष्य वाली सूची में शामिल किया जाएगा क्योंकि यह मोसाद (इस्राएली खुफिया एजेंसी) का ऑफिस है."
शिव सेना से ताल्लुक
मुंबई में रहने के दौरान हेडली शिव सेना के पब्लिक रिलेशन ऑफिसर राजाराम रेगे से भी दोस्ती करना चाहता था ताकि वह पार्टी में घुस सके. बताया जाता है कि रेगे भी हेडली से संपर्क करना चाह रहे थे ताकि अमेरिकी कंपनियों के लिए लाखों रुपये के कॉन्ट्रेक्ट पा सकें.
रेगे ने 19 मई 2008 को हेडली को एक मेल में लिखा, "अगर अमेरिका या किसी और देश की कोई कंपनी भारत में निवेश करना चाहती है तो मैं इसके लिए एकदम सही व्यक्ति हूं. सरकार की ओर से पारित 10 हजार करोड़ के प्रोजेक्ट्स मेरे पास हैं. क्या आप समझ रहे हैं मैं क्या कह रहा हूं?"
रेगे ने हेडली को भारत में बड़े संपर्क बढ़ाने के लिए लुभाने की कोशिश भी की. रेगे ने लिखा, "आप जानते हैं कि मेरे मुंबई, गुजरात और दिल्ली में राजनैतिक और सामाजिक संपर्क बहुत मजबूत हैं. दिल्ली केंद्र सराकर की जगह है. मेरे मुंबई, गुजरात और दिल्ली की सरकार में बैठे कई लोगों से अच्छे संबंध हैं."
हेडली ने शिकागो अदालत को बताया कि उसने पाकिस्तान में अपने मध्यस्थों से पूछा कि रेगे की मेल का कैसे जवाब देना है.
23 मई 2008 को हेडली ने रेगे के ईमेल के जवाब में लिखा कि ये प्रोजेक्ट उनके लिए आर्थिक तौर पर कैसे फायदेमंद साबित होंगे, इस बारे में बताएं.
हेडली ने कहा कि रेगे को शिव सेना में घुसने के लिए अच्छा व्यक्ति माना जा रहा था क्योंकि शिव सेना को वह आतंकी संगठन मानता है. उसने संगठन के नेताओं को मारने का षड्यंत्र भी बनाया था.
रिपोर्टः पीटीआई/आभा एम
संपादनः वी कुमार