'65 नागरिकों की मौत के लिए नाटो जिम्मेदार'
२८ फ़रवरी २०११जांच रिपोर्ट का ब्यौरा देते हुए जांचदल के प्रमुख शहजाद मसूद ने कहा, ''चार दिन की बातचीत और कबाइली इलाकों में रहने वाले लोगों, वहां के सुरक्षाकर्मियों और नेताओं का इंटरव्यू करने के बाद हमने पाया है कि 65 नागरिकों की मौत नाटो के मिसाइल हमले में हुई.''
मसूद के मुताबिक मरने वालों में सात महीने से 18 साल तक की 19 बच्चियां थीं. 21 किशोर भी मिसाइल हमले में मारे गए. मसूद ने कहा, ''घटना में मारे गए लोगों में 10 महिलाएं और 15 उम्रदराज लोग भी थे.'' नाटो सेनाओं ने यह हमला इसी साल 17 फरवरी को अफगानिस्तान के कुनार प्रांत के गाजी अबाद जिले में किया. यह इलाका पाकिस्तान की सीमा से सटा हुआ है.
जांच रिपोर्ट के मुताबिक नाटो के लड़ाकू विमानों ने गलत अंदाजा लगाया और आम लोगों पर मिसाइल दागी. नाटो अब तक इससे इनकार करता आया है. पश्चिमी देशों का सैन्य गठबंधन मामले की खुद अपने स्तर पर भी जांच कर रहा है. मसूद कहते हैं, ''गठबंधन सेनाएं मान रही हैं कि उनके हमलों में आम लोगों की मौत हुई है. लेकिन वह आंकड़ों को मानने से इनकार कर रहे हैं.''
इस हमले को लेकर अफगानिस्तान के लोगों में खासा गुस्सा है. हफ्ते भर पहले राष्ट्रपति हामिद करजई भी नाटो की इस कार्रवाई पर नाराजगी जता चुके हैं. अफगान सरकार ने आम लोगों की मौत को लेकर अपने अधिकारियों को नाटो से बात करने का आदेश दिया है.
अफगानिस्तान में इस वक्त पश्चिमी देशों के 1,50,000 जवान हैं. गठबंधन सेनाएं तालिबान के खिलाफ बीते 10 साल से लड़ाई लड़ रही हैं. लेकिन अब उनकी प्रतिष्ठा को ठेस पहुंच रही हैं. मानवाधिकार संगठनों का कहना है कि 2010 में ही नाटो सेनाओं ने 512 आम लोगों की जान ली. इनमें से 217 लोग हवाई हमलों में मारे गए.
रिपोर्ट: डीपीए/ओ सिंह
संपादन: ईशा भाटिया