9/11 मास्टरमाइंड के खिलाफ गवाही
१ मार्च २०१२पाकिस्तानी नागरिक माजिद खान ने साजिश, हत्या और हत्या की कोशिश के मामलों में शामिल होने की बात स्वीकार कर ली है. उसने जासूसी और आतंकवादी हमले के लिए सहायता देने की बात भी मान ली है. विश्लेषकों का मानना है कि 9/11 की जांच में यह मामला मील का पत्थर साबित हो सकता है और इसके बाद जांच में तेजी आ सकती है.
32 साल का खान अमेरिका में कानूनी तौर पर रह रहा था और उसने वहीं के स्कूल से पढ़ाई भी की है. उसने ओसामा बिन लादेन से किसी भी तरह की मुलाकात से साफ तौर पर इनकार कर दिया लेकिन यह जरूर माना कि पाकिस्तान, थाइलैंड और इंडोनेशिया में हुई साजिश में उसने हिस्सा लिया था.
क्यूबाई सीमाक्षेत्र में बने ग्वांतानामो बे की जेल अदालत में खान गहरे रंग के सूट और गुलाबी टाई में पहुंचा. उसने कहा, "मुझे पता है कि जो डील हुई है, उसके बाद मुझे आजाद नहीं कर दिया जाएगा. लेकिन मैं सच कह रहा हूं. मैं तो सिर्फ इतना ही कह सकता हूं." सैनिक अदालत में कर्नल जेम्स पोल के सामने सुनवाई में उसने जोर देकर कहा कि वह डील को समझ गया है.
ताजा समझौते के मुताबिक जो डील हुई है, उसके बाद खान को 19 साल से ज्यादा जेल में नहीं रखा जाएगा. वह पहले ही 10 साल सींखचों के पीछे बिता चुका है. इसके बदले उसे अमेरिकी अधिकारियों का साथ देना होगा. इस समझौते के बाद खान को 9/11 के प्रमुख आरोपियों के खिलाफ गवाही देनी होगी. इसमें मुख्य साजिशकर्ता खालिद शेख मोहम्मद भी शामिल है, जिसके पास पाकिस्तान सहित तीन देशों की नागरिकता है. 11 सितंबर, 2001 को आतंकवादियों ने दो अलग अलग विमानों का अपहरण करने के बाद उन्हें न्यू यॉर्क के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के दो टावरों से टकरा दिया था, जिसमें लगभग तीन हजार लोग मारे गए.
इस बात को पक्का करने के लिए खान अपनी बात से मुकर न जाए, उसे चार साल तक यानी 29 फरवरी, 2016 से पहले सजा नहीं सुनाई जाएगी. यह पहला मौका है, जब ग्वांतानामो जेल में बंद 14 कैदियों में से किसी ने इकबाले जुर्म किया हो. ग्वांतानामो जेल के दूसरे कैदियों की वकालत कर रहे जोनाथन हाफेत्ज ने कहा, "यह उस रणनीति का हिस्सा है, जिसके तहत दूसरे आरोपियों के खिलाफ मजबूत केस तैयार किया जा सके."
हमलों के दस साल बाद भी खालिद शेख मोहम्मद और दूसरे कई आरोपियों के खिलाफ मामले चल रहे हैं और कोई केस तय नहीं हो पाया है. जज पोल ने बुधवार को बचाव पक्ष के वकील की उस दलील को खारिज कर दिया कि डील को गुप्त रखा जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि यह बात तो पहले ही सार्वजनिक हो चुकी है. खान पर आरोप है कि वह मोहम्मद के इशारे पर काम कर रहा था, जिसके तहत अमेरिका में एक पेट्रोल पंप को उड़ाना था और साथ ही पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ की हत्या की साजिश रचनी थी.
उसने इस बात को भी स्वीकार कर लिया कि इंडोनेशिया के मैरियट होटल में 2003 में बम विस्फोट की साजिश उसी ने रची, जिसमें 11 लोग मारे गए. उसे 2003 में पाकिस्तान से गिरफ्तार किया गया था. उससे पहले सात साल तक वह अमेरिका में रहा था.
रिपोर्टः एएफपी/ए जमाल
संपादनः मानसी गोपालकृष्णन