'कोरोना की सूनामी' की चेतावनी से चौकस हुईं सरकारें
३० दिसम्बर २०२१ओमिक्रॉन वेरिएंट के बढ़ते मामलों के बीच दुनिया की विभिन्न सरकारें अर्थव्यवस्था को प्रभावित किए बिना महामारी को फैलने से रोकने की कोशिशों में जुट गई हैं. 22 दिसंबर से 28 दिसंबर के बीच दुनियाभर में रोजाना कोविड-19 के औसतन नौ लाख मामले दर्ज किए गए. बीते 24 घंटों में अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, अर्जेंटीना और बोलीविया के अलावा यूरोप में भी कई देशों में कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या नए रिकॉर्ड पर पहुंच गई.
हालांकि कई शोध इस बात को दोहरा चुके हैं कि ओमिक्रॉन वेरिएंट पिछले वेरिएंट से कम घातक है. दक्षिण अफ्रीका में हुए एक शोध में पता चला कि ओमिक्रॉन वेरिएंट को पहचानने और उससे लड़ने में प्रतिरोधी सिस्टम की दूसरी श्रेणी की रक्षापंक्ति यानी टी-कोशिकाएं बहुत प्रभावी होती हैं. इस कारण ओमिक्रॉन शरीर को गंभीर नुकसान नहीं पहुंचा पाता.
फिर भी, इतनी बड़ी संख्या में लोगों का संक्रमित होना स्वास्थ्य व्यवस्था पर अतिरिक्त बोझ डाल सकता है. बहुत से देशों में तो व्यवस्था पूरी तरह चरमरा सकती है. इसके अलावा उद्योगों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों को भी फिर से बंदी झेलनी पड़ सकती है.
आ सकती है मामलों की सूनामी
विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक तेद्रोस अधनोम गेब्रयेसुस ने नए मामलों की सूनामी की चेतावनी दी है. उन्होंने कहा, "ओमिक्रॉन अत्याधिक संक्रामक है और डेल्टा के साथ-साथ फैल रहा है, तो मुझे इस बात की बहुत ज्यादा चिंता है कि मामलों की सूनामी आने वाली है."
इसी कारण विभिन्न सरकारें अलग-अलग उपायों पर विचार कर रही हैं जिनमें कम समय के लिए एकांतवास आदि शामिल हैं. बुधवार को स्पेन ने कहा कि वह क्वॉरन्टीन की अवधि 10 दिन से घटाकर 7 कर रहा है. इटली भी एकांतवास के नियमों में ढील देने की बात कह चुका है.
इसी हफ्ते की शुरुआत में अमेरिका के स्वास्थ्य अधिकारियों ने एकांतवास के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए थे. इनके तहत उन लोगों के लिए एकांतवास की अवधि 10 दिन के बजाय 5 कर दी गई है जिनमें कोविड-19 के कोई लक्षण नहीं हैं.
फ्रांस के स्वास्थ्य मंत्री ओलीविए वेरां ने संसद में बताया कि देश में मामले चकरा देने की तेजी से बढ़ रहे हैं. बीते 24 घंटे में वहां दो लाख आठ हजार केस दर्ज हुए जो एक नया राष्ट्रीय और यूरोपीय रिकॉर्ड है. मंगलवार को ब्रिटेन, इटली, स्पेन, पुर्तगाल, ग्रीस, साइप्रस और माल्टा में भी रिकॉर्ड नए मामले दर्ज हुए.
अस्पतालों में कम भर्ती
यूएस सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल ऐंड प्रिवेंशन की रोशेष वालेंस्की ने कहा कि मामले तेजी से बढ़ने के बावजूद अस्पतालों में भर्ती होने वाले लोगों की संख्या और मौतों में ज्यादा वृद्धि नहीं हुई है. उन्होंने कहा, "बीते सात दिन में मामलों का औसत दो लाख 40 हजार 400 है जो पिछले हफ्ते की तुलना में 60 प्रतिशत अधिक है. इसी अवधि के दौरान अस्पताल में भर्ती का औसत 14 प्रतिशत बढ़ा है जबकि मौतों की संख्या 7 प्रतिशत कम हो गई है.”
शायद यही वजह है कि सरकारें अभी भी पूरी तरह लॉकडाउन जैसे कड़े उपायों से बच रही हैं. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा कि वह इस साल इंग्लैंड में नई पाबंदियां लागू नहीं करेंगे. ऑस्ट्रेलिया की सरकार ने भी लॉकडाउन की संभावना को पूरी तरह खारिज कर दिया है.
हालांकि सरकारों में इस बात को लेकर चिंता बढ़ी है कि नए मामलों का आर्थिक असर खतरनाक हो सकता है क्योंकि अधिक संक्रमण का अर्थ होगा कि ज्यादा संख्या में लोगों को एकांतवास में रहना पड़ेगा. फिर भी, सरकारें बहुत संभलकर कदम रख रही हैं.
ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने मीडिया से कहा, "हम हर एक को सर्कुलेशन से सिर्फ इसलिए बाहर नहीं कर सकते कि वे किसी खास वक्त पर किसी खास जगह थे.”
उधर भारत के कई शहरों ने नए साल के जश्न पर पाबंदी लगाते हुए नए नियम लागू कर दिए हैं. दिल्ली और मुंबई में रेस्तरां, जिम, पब आदि को बंद रखने का आदेश दिया गया है. दिल्ली में रात के वक्त कर्फ्यू लागू कर दिया गया है.
वीके/एए (एपी, रॉयटर्स, एएफपी)