मोटा अनाज कभी पारंपरिक आहार का हिस्सा था. बीते कई दशकों के दौरान धान, गेहूं और मक्के जैसी फसलों ने तेजी से मिलेट्स की जगह ले ली. उगाने वाले भी कम हो गए और खाने वाले भी. अब मिलेट्स की फिर से वापसी हो रही है. यह पौष्टिक तो है ही, मौसम के बदलते मिजाज के बीच किसानों के लिए ज्यादा सुरक्षित और किफायती भी साबित हो सकता है. तमिलनाडु में कई किसान मिलकर मिलेट्स की खेती में नई जान फूंक रहे हैं.