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अदाकार के लिए छवि सबसे बड़ी बाधाः विद्या बालन

३ दिसम्बर २०११

मध्यवर्गीय संस्कारों से सेक्स सिंबल तक का सफर विद्या बालन ने तय कर लिया तो उन्हें पता चला कि किसी अदाकार की राह में सबसे बड़ी बाधा उसकी छवि है. विद्या ने अब छवियों से डरना छोड़ दिया है.

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तस्वीर: Youtube

33 साल की विद्या बालन ने अमिताभ बच्चन के मां की भूमिका भी निभाई और कई तरह के दूसरे रोल भी किए लेकिन असली करिश्मा दिखाया है उनकी नई फिल्म डर्टी पिक्चर ने जो 60 और 70 के दशक में दक्षिण भारत की सेक्स सिंबल सिल्क स्मिता की जिंदगी पर बनी है. विद्या बालन का कहना है कि, कौन सी भूमिका करूं, इस पर बहुत लंबा समय बिताने के बाद उन्होंने अपनी प्रवृत्ति को समझने में सफलता पाई. विद्या कहती हैं, "जिस तरह की भूमिकाएं मैंने की हैं और जैसी मैं हूं उससे यह भूमिका बिल्कुल अलग है. जब मुझे इस तरह की भूमिका का प्रस्ताव मिला तो उसे छोड़ना बेवकूफी होती. तीन साल पहले मैंने अपनी सोच को बदल दिया."

Bollywood Film The Dirty Picture
तस्वीर: Youtube

विद्या बालन की नई फिल्म डर्टी पिक्टर ने एक दिन पहले ही सिनेमाघरों में दस्तक दी है और इसे जबर्दस्त शुरूआत मिली है. देश भर के सिनेमाघरों में इसे देखने के लिए भारी भीड़ उमड़ रही है. विद्या का कहना है कि वो एक भावुक इंसान हैं और पूरी ईमानदारी से अपनी भूमिकाएं निभाने की कोशिश करती हैं. विद्या के मुताबिक,"भले ही यह मुश्किल है लेकिन मैने फैसला किया कि उन्हीं फिल्मों को करूंगी जिस पर मुझे भरोसा हो. मैं बाकी चीजों की अब चिंता नहीं करती क्योंकि किसी दायरे में या छवि में बंध जाना किसी अदाकार के रास्ते की सबसे बड़ी बाधा होती है.हर फिल्म के साथ मैं यही कोशिश करती हूं कि खुद को किसी दायरे में कैद न करूं और यह तरकीब सफल हो रही है." 2005 में परिणिता के साथ फिल्म करियर की शुरुआत करने वाली विद्या के लिए सिल्क स्मिता की भूमिका निभाना अब तक की सबसे बड़ी चुनौती रही है.

Bollywood Schauspielerin Vidya Balan
तस्वीर: picture-alliance/dpa

विद्या बालन ने डर्टी पिक्चर के किरदार से कहीं न कहीं खुद को जोड़ लिया है लेकिन उन्हें हैरानी इस बात की है कि सिल्क स्मिता ने केवल अपने जिस्म का ही इस्तेमाल क्यों किया, दिमाग का क्यों नहीं किया. वो यह भी मानती हैं कि फिल्म ने उनके मन में शरीर को लेकर उनका आत्मविश्वास बढ़ा दिया है. विद्या बालन को इस फिल्म के लिए अपना वजन भी बढ़ाना पड़ा है.

अपने फिगर से संतुष्ट विद्या ने बताया कि फिल्म के लिए उन्होंने अपना वजन 12 किलो बढ़ाया. विद्या मानती हैं कि इस फिल्म के जरिए हिंदी सिनेजगत में मांसल सुंदरियों का दौर फिर लौटेगा. विद्या जीरो फिगर साइज को भी 'बड़ा उबाऊ' मानती हैं. विद्या ने कहा, "साईज जीरो उबाऊ है. औरतों को औरत की तरह दिखना चाहिए." विद्या ने ये भी माना कि इस फिल्म के जरिए आखिरकार हिंदी फिल्मों में सेक्सुअलिटी की चर्चा हो रही है खासतौर से महिलाओं के सेक्सुअलिटी की और यह बड़ी बात है. विद्या की मानें तो ये दौर महिलाओं की सेक्सुअलिटी पर चर्चा करने का है जिसके बारे में आमतौर पर कोई बात नहीं करता.

रिपोर्टः पीटीआई/एन रंजन

संपादनः एमजी

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