बंगाल के प्यार में फंसी विद्या बालन
१९ जुलाई २०११विद्या तो अब कोलकाता को अपना दूसरा घर भी कहने लगी हैं. इतना ही नहीं, वह तो अपना जीवन साथी भी किसी बंगाली को ही बनाना चाहती हैं. लेकिन बंगाल से इस कदर अपने प्यार की वजह को वह खुद भी नहीं जानतीं. वह कहती हैं, "मुझे नहीं पता. मैंने तो इस बारे में सोचना भी बंद कर दिया है. मैंने स्वीकार कर लिया है कि कोई नाता है. मेरी मां तो कहती हैं कि हो सकता है कि पिछले जन्म का कुछ संबंध हो क्योंकि मेरी जान पहचान में ऐसा कोई नहीं है जो बंगाल को इतना प्यार करता हो. यहां तक कि जो भी व्यक्ति मेरी जिंदगी में आएगा उसे मेरे दूसरे प्यार से निपटना होगा जो कि कोलकाता है."
अब बंगाल की फिल्में हों, खाना हो, भाषा हो, संस्कृति हो, फैशन हो या फिर गाने, विद्या को सब कुछ पसंद है. वह कहती हैं, "मैं तो कुछ बंगाली गाने और उनकी धुनें भी जानती हूं. मैं बराबर सीखती रहती हूं." वह बताती हैं कि बंगाल से उनके प्यार के चलते कई लोग तो उन्हें बंगाली समझने लगते हैं.
विद्या बालन ने 2003 में गौतम हलदर की फिल्म भालो थेको से अपने एक्टिंग करियर का आगाज किया. वह कोलकाता पहली बार एक एड फिल्म की शूटिंग के सिलसिले में गई थीं. पिछली बार नो वन किल्ड जैसिका में दिखने वाली विद्या का कहना है, "पहली बार जब मैं कोलकाता पहुंची तो मुझे लगा कि मैं इस जगह को जानती हूं. बस वहीं से शुरू हो गया. मुझे उस जगह से अपनापन महसूस हुआ." इसके बाद तो विद्या कोलकाता जाने का कोई न कोई बहाना तलाशती रही हैं.
अपने फिल्मी करियर का आगाज करने से पहले विद्या यूफोरिया बैंड के गाने कभी आना तू मेरी गली में बंगाली लड़की के रूप में दिखीं. इसके बाद उनकी तीन हिंदी फिल्मों परिणिता, भूल भुलैया और आने वाली फिल्म कहानी का भी बंगाल कनेक्शन है.
रिपोर्टः पीटीआई/ ए कुमार
संपादनः एन रंजन