अन्ना हजारे ने छेड़ा जेल भरो आंदोलन
८ अप्रैल २०११जेल भरो आंदोलन की घोषणा करते हुए अन्ना हजारे ने लोगों से अपील की कि वे इस दौरान अहिंसक बने रहे हैं. अन्ना हजारे ने पहले 12 अप्रैल से जेल भरो आंदोलन शुरू करने की अपील की थी लेकिन सार्वजनिक अवकाश के मद्देनजर उन्होंने तारीख बदल कर 13 अप्रैल कर दी.
अन्ना हजारे के शब्दों में, "आज जब (केंद्रीय मंत्री कपिल) सिब्बल और ये लोग ऐसा कह रहे हैं तो मुझे लगा कि पूरे देश में जेल भरो आंदोलन शुरू किया जाना चाहिए. लेकिन आपको इसमें महात्मा गांधी को याद रखते हुए हिस्सा लेना होगा. कहीं भी कोई हिंसा नहीं होगी." उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में उन्होंने पहले जेल भरो आंदोलन किए हैं.
अन्ना हजारे ने यह घोषणा ऐसे समय में की है जब मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल की अन्ना हजारे के प्रतिनिधियों स्वामी अग्निवेश और अरविंद केजरिवाल से शुक्रवार सुबह होने वाली बैठक नहीं हो पाई. दोनों ही पक्षों का कहना था कि वे इंतजार कर रहे हैं कि सामने वाला पहल करे.
स्वामी अग्निवेश ने कहा, "हम सरकारी धड़े से संवाद का इंतजार कर रहे हैं. कल अनौपचारिक तौर पर तय हुआ था कि आज सुबह नौ बजे बैठक होगी लेकिन हमें कोई औपचारिक निमंत्रण नहीं मिला है."
सामाजिक कार्यकर्ताओं की दो मांगो को ठुकराते हुए सिब्बल ने कहा कि सिर्फ सरकारी अधिकारी ही लोकपाल बिल पर बनने वाली संयुक्त समिति में सदस्य बन सकते हैं. कोई मंत्री इसका सदस्य नहीं होगा. सरकार ने इस बारे में अधिसूचना करने से भी इनकार किया है.
पीटीआई समाचार एजेंसी ने खबर दी है कि सोनिया गांधी और मनमोहन सिंह ने लोकपाल बिल के मुद्दे पर मिलने वाले हैं.
रिपोर्टः एजेंसियां/आभा एम
संपादनः ए कुमार