अपनी मर्जी से ईसाई बनाः ओबामा
२९ सितम्बर २०१०न्यू मैक्सिको के अलबुकर्क शहर में कुछ लोगों को संबोधित करते हुए ओबामा ने कहा, "मेरी मां उन सबसे ज्यादा आध्यात्मिक लोगों में से थी, जिन्हें मैं जानता हूं. लेकिन उन्होंने ईसाई के तौर पर मेरी परवरिश नहीं की. इसीलिए मैं बाद में ईसाई बना. इसकी वजह ईसा मसीह के उपदेश हैं जिनसे पता चलता है कि जिंदगी को कैसे जीना है."
अमेरिकी राष्ट्रपति ने आगे कहा, "मेरे पापों के लिए ईसा मसीह का मरना उस दीनता की बात करता है जिसका सामना हम सब इंसानों को करना पड़ता है. वह यह कि हम सब पाप से युक्त हैं. हममें खोट हैं और हम गलतियां करते हैं. ईश्वर की दया से ही हमें मुक्ति मिलती है. ऐसे में हम यह कर सकते हैं कि दूसरे लोगों में ईश्वर को देखें और उनकी मदद के लिए हर संभव कोशिश करें. मैं भी ऐसा करने की कोशिश करता हूं. दूसरों से भी यही अपील करता हूं. मेरी सार्वजनिक सेवा ईसाई धर्म में मेरी आस्था को अभिव्यक्त करने का प्रयास है."
खुद को ईसाई बताते हुए ओबामा ने साफ किया कि वह सभी धर्मों का सम्मान करते हैं. उन्होंने कहा, "यह ऐसा देश है जहां ईसाइयों की संख्या सबसे ज्यादा है. लेकिन हमारे यहां यहूदी, मुस्लिम, हिंदू, नास्तिक और बौद्ध भी रहते हैं और हम उनकी आस्थाओं का सम्मान करते हैं." ओबामा की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब एक सर्वे से पता चला है कि अमेरिका में पांच में एक व्यक्ति अमेरिकी राष्ट्रपति को मुसलमान मानता है.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार
संपादनः महेश झा