कुरान जलाने से अल कायदा को फायदा होगाः ओबामा
१० सितम्बर २०१०9/11 की बरसी में बस दो दिन बचे हैं. सुरक्षा चिंताओं के बीच एक नई मुसीबत ने अमेरिका की परेशानी दोगुनी कर दी है. कुरान जलाने की योजना पर अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा भी फिक्रमंद हैं और इसे अल कायदा के लिए तोहफा बता रहे हैं. वह कहते हैं, "यह अल कायदा को बड़े पैमाने पर भर्ती का मौका दे सकता है. पाकिस्तान और अफगानिस्तान जैसे देशों में और ऐसे लोग सामने आएंगे जो अमेरिकी और यरोपीय शहरों में खुद को उड़ा दें." ओबामा ने अमेरिकी पादरी टैरी जोन्स से अपना इरादा बदलने को कहा है.
इस बीच कई मुस्लिम संगठनों ने गांधीगीरी का रास्ता अपनाने का फैसला किया है. अहमदिया समुदाय ने कहा कि फ्लोरिडा में मुट्ठी भर ईसाइयों का गुट जितने कुरान जलाए, उतने ही कुरान लाइब्रेरी और यूनिवर्सिटियों को दान दिए जाएंगे. साथ ही सभी धार्मिक पुस्तकों के सम्मान को बढ़ावा देने के लिए कार्यक्रम किए जाएंगे.
दुनिया भर में अमेरिकी पादरी टैरी जोन्स की निंदा हो रही है. दुनिया में दूसरी सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी वाले मुल्क भारत ने कहा है कि कुरान को जलाए जाने से रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाने चाहिए. वहीं पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने कहा है कि अगर ऐसा हुआ तो दुनिया के मुसलमान भड़क सकते हैं. ईरान ने हमेशा की तरह इस मामले के लिए भी इस्राएल को जिम्मेदार बताया है.
पश्चिमी देशों ने भी इस मुद्दे पर कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की है. जर्मन चासंलर अंगेला मैर्केल कहती हैं, "अगर अमेरिका में आंगेलिक कट्टरपंथी पादरी 11 सितंबर को कुरान जलाता है तो यह घृणित कदम होगा और यह बिल्कुल गलत है." वैसे खुद मैर्केल ने बुधवार को ही डेनमार्के के विवादित कार्टूनिस्ट को सम्मानित किया है, जिसके बनाए पैगंबर के कार्टून से दुनिया भर में बवाल हो चुका है. मैर्केल ने अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर इस कार्टूनिस्ट को सराहा भी.
कई लोग अमेरिकी पादरी के कदम को भी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता कह रहे हैं, लेकिन अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत स्तेफान दे मिस्तुरा इसे सिरे से खारिज करते हैं. वह कहते हैं, "अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता से इसका कोई लेना देना नहीं है. अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का यह मतलब नहीं है कि आप दुनिया में इस्लाम मानने वाले एक अरब लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाएं."
अमेरिका में सुप्रीम कोर्ट यह फैसला दे चुकी है कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के तहत देश के झंडे को जलाने का लोगों को अधिकार है. लेकिन ओबामा इस बात से परेशान है कि ऐसे गुट ने अंतरराष्ट्रीय विवाद छेड़ दिया है जिसमें 50 से भी कम लोग शामिल हैं.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार
संपादनः ए जमाल