अफगान और चुनावी लड़ाई में घिरे ओबामा
३० जून २०११साढ़े चार साल के कार्यकाल के बाद गुरुवार को रक्षा मंत्री के पद से हटने वाले रॉबर्ट गेट्स ने यह बात रॉयटर्स समाचार एजेंसी से कही है. गेट्स ने कहा कि ओबामा के सलाहकारों ने अफगानिस्तान में अमेरिका के एक लाख सैनिकों को धीरे धीरे हटाने की कई योजनाएं प्रस्तुत की. जबकि अफगानिस्तान में 10 साल से जारी इस लड़ाई में तालिबान अभी भी खतरनाक दुश्मन बना हुआ है.
खर्च के मारे
हालांकि अमेरिकी रक्षा मंत्रालय के मुख्यालय पेंटागन में उच्चाधिकारियों का तर्क था कि अफगानिस्तान भेजे गए अतिरिक्त 33 हजार सैनिक 2012 के आखिर तक वहीं तैनात रहें जबकि अन्य सलाहकारों को जल्दी है कि अप्रैल के आखिर से ही सैनिकों की वापसी शुरू कर दी जाए. क्योंकि तेजी से बढ़ते जा रहे खर्च के कारण धीरज टूट रहा है. ताजा आंकड़ों के मुताबिक अफगानिस्तान में युद्ध का सालाना खर्च 110 अरब डॉलर से भी ज्यादा हो रहा है.
ओबामा ने आखिरकार पिछले सप्ताह घोषणा कर ही दी कि इस साल वह 10 हजार सैनिक हटाएंगे और बाकी के 23 हजार सितंबर 2012 से वापस बुलाए जाएंगे. गेट्स कहते हैं, "राष्ट्रपति के सामने सैन्य नीति की जोखिम और राजनैतिक जोखिम के बीच संतुलन बनाने की कठिन चुनौती है. इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा अगर राष्ट्रपति कह दें कि सैनिकों को दो और साल वहां रख दो क्योंकि कांग्रेस इसके लिए पैसे ही मंजूर नहीं करेगी. कुछ रिपब्लिकन भी अफगानिस्तान से सैनिकों के जल्द बाहर निकलने की मांग कर रहे हैं."
अफगानिस्तान से सैनिकों वापसी पर अमेरिकी रक्षा मंत्रालय और व्हाइट हाइस में मतभेद दिखाई देने लगे हैं. एडमिरल माइक मलेन सहित ओबामा के वरिष्ठ सैन्य सलाहकार ओबामा की घोषणा की आलोचना कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि वह तेजी से सैनिकों की वापसी पर सहमत नहीं हैं लेकिन आखिरकार उन्होंने इसे मान लिया.
गेट्स कहते हैं, "देश में राजनैतिक स्थिरता के लिए और गर्मियों के अंत में जोखिम कम से कम रखने के लिए यह नीति ठीक है."
ऐतिहासिक गलतियां
करीब 68 हजार सैनिक अफगानिस्तान में अफगान सेना को प्रशिक्षण देने के लिए रहेंगे. अफगानिस्तान के पूर्वी हिस्सों में सुरक्षा एक बड़ा मुद्दा बना हुआ है और वहां लगातार बड़े हमले हो रहे हैं.
गेट्स का कहना है कि वॉशिंगटन पाकिस्तान के साथ ऐतिहासिक गलतियों को लगातार भुगत रहा है. "जैसे कि जब सोवियत संघ ने अफगानिस्तान से 1989 में सेनाएं वापस लीं तो उस इलाके से हटने का फैसला. परमाणु मुद्दे पर पाकिस्तान पर प्रतिबंध लगाने में विफलता."
हालांकि गेट्स ने कहा कि ओबामा प्रशासन ने पीछे झुककर पाकिस्तान के साथ रिश्ते बेहतर बनाने की कोशिश की लेकिन वह तनावपूर्ण ही हैं. हम सबको लगता है कि वह अच्छी जगह हो लेकिन यह रिश्ता दशकों से ज्वार भाटे जैसा ही रहा है.
रिपोर्टः रॉयटर्स/आभा एम
संपादनः एमजी