अफरीदी को उम्मीद, जूते नहीं पड़ेंगे
३१ मार्च २०११ऐसा हो चुका है कि पाकिस्तानी टीम भारत से हारकर लौटी तो लोगों ने उनका अपमानजनक स्वागत किया. लेकिन अब अफरीदी उम्मीद कर रहे हैं कि उनके दर्शक समझदारी से काम लेंगे. उन्होंने कहा, "मेरे ख्याल से तो हम 2003 और 2007 से बेहतर खेले जबकि तब हमारी टीम कहीं ज्यादा अच्छी थी. इस टीम से तो किसी को कोई उम्मीद ही नहीं थी. मुझे इस टीम पर गर्व है."
1992 में चैंपियन रहे पाकिस्तान की क्रिकेट टीम के पिछले दो साल काफी खराब गुजरे हैं. टीम घरेलू मैदानों पर अंतरराष्ट्रीय मैच नहीं खेल पाई है. हाल के मैच फिक्सिंग कांड से भी टीम की खासी किरकिरी हुई है. इसलिए जब टीम वर्ल्ड कप में आई तो उसे एक कमजोर प्रतिद्वन्द्वी माना गया. लेकिन अफरीदी की टीम ने बढ़िया प्रदर्शन करते हुए सेमीफाइनल तक का सफर तय किया. यही वजह है कि शाहिद अफरीदी अपने फैन्स से समर्थन की उम्मीद कर रहे हैं.
अफरीदी कहते हैं, "मेरे ख्याल से लोगों को महसूस हुआ होगा कि हमने जान लड़ा दी. हमने आठ में से छह मैच जीते जो बड़ी उपलब्धि है."
हालांकि अफरीदी अपने फैन्स की आलोचना को भी खुले दिल से स्वीकार करते हैं. उन्होंने कहा, "हमें अपने फैन्स पर पूरा भरोसा है. देश ने हमारा पूरा साथ दिया है. जो लोग आपसे इतना प्यार करते हैं वे आपकी आलोचना भी करते हैं. तो इसमें कोई बड़ी बात नहीं है."
विजयी कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के पास तो फैन्स को लेकर डरने की कोई वजह ही नहीं है लेकिन उनके दिल से आज भी वो टीस गई नहीं है जब 2007 के वर्ल्ड कप में हार के बाद लोगों ने उनके घर पर पत्थर फेंके थे. वह कहते हैं कि तभी समर्थन की सबसे ज्यादा जरूरत थी. उन्होंने कहा, "हम यहां मनोरंजन करने के लिए हैं. हमने हमेशा अपना बेस्ट दिया है, फिर चाहे वह 2007 में हो या 2011 में."
रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार
संपादनः आभा एम