"अमेरिका का एक लादेन, भारत के कई"
५ जून २०११अमेरिकी थिंक टैंक न्यू अमेरिका फाउंडेशन ने कहा है कि भारत के कई वांछित आतंकी पाकिस्तान में रह रहे हैं लेकिन अब भी पाकिस्तान को सीमा पार आतंकवाद के लिए जिम्मेदार ठहराना अमेरिका की प्राथमिकता नहीं है.
न्यू अमेरिका फाउंडेशन के अध्यक्ष स्टीव कोल ने कहा, "भारत बरसों से पाकिस्तान आर्मी को लश्कर ए तैयबा के नौजवान लड़कों को सीमा पार से भेजते देख रहा है. लेकिन अमेरिका ने पाकिस्तान को इस घुसपैठ के लिए जिम्मेदार ठहराने में दिलचस्पी दिखाई है."
कोल ने कहा कि घुसपैठ का बिल्कुल न होना तो संभव नहीं है. उन्होंने कहा, "यह कहना तो सही नहीं होगा कि कोई घुसपैठ नहीं होनी चाहिए क्योंकि वहां का इलाका बहुत जटिल और पहाड़ियों से घिरा हुआ है. लेकिन जिस दर पर पाकिस्तान ने घुसपैठ होने दी है, उससे पता चलता है कि उसकी नीति क्या है."
कोल ने कहा कि अमेरिकियों के लिए यह समझना जरूरी है कि पाकिस्तान में ओसामा जिस तरह की पनाहगाह में रह रहा था, वह कोई अचरज की बात नहीं है. उन्होंने कहा, "भारत के नजरिये से देखें तो पांच छह सूचीबद्ध आतंकवादी पाकिस्तान में ऐसे ही हालात में रह रहे हैं. कई बार उन्हें घर में नजरबंद कर दिया जाता है."
अमेरिकी सांसदों के सवालों के जवाब में कोली ने कहा कि इनमें से बहुत से आतंकवादियों ने या तो कबूल किया है या फिर विश्वसनीय तरीके से उन पर भारतीय जमीन पर हत्याओं के आरोप लगाए गए हैं. उन्होंने कहा, "इसलिए जब ओसामा बिन लादेन की बात करते हैं तो हम अमेरिकियों को बहुत खराब लगता है. लेकिन पिछले एक दशक में पाकिस्तान के हालात जिस तरह से बदले हैं, उनके मुताबिक ओसामा बिन लादेन की स्थिति बहुत अचंभित करने वाली नहीं थी."
कोल ने कहा कि एबटाबाद जैसे शहर में बिन लादेन का होना संदेह पैदा करता है कि इसमें आईएसआई शामिल थी या नहीं. उन्होने कहा, "आईएसआई को एक सुरक्षा एजेंसी के साथ साथ आपराधिक संगठन भी समझा जाता है. यह देश में कई रैकेटों में शामिल है."
रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार
संपादनः आभा एम