अमेरिका पर भरोसा नहीं: गिलानी
१२ दिसम्बर २०११पाकिस्तान के प्रधानमंत्री युसूफ रजा गिलानी ने कहा है कि ना ही अमेरिका को पाकिस्तान पर भरोसा है और ना ही पाकिस्तान को अमेरिका पर. रविवार को बीबीसी पर गिलानी का इंटरव्यू चलाया गया जिसमें उन्होंने कहा, "हम साथ काम कर रहे हैं और फिर भी हमें एक दूसरे पर भरोसा नहीं है. मेरे ख्याल से हमें अपने रिश्ते सुधारने की जरूरत है."
गिलानी ने कहा कि अमेरिका के साथ काम तो करना है, लेकिन कुछ शर्तों पर, "हमें अमेरिका के साथ मिल कर काम करने के लिए नए नियम तैयार करने होंगे. हम आतंकवाद के खिलाफ लड़ना चाहते हैं और ऐसा करने के लिए नए नियम तय करने की जरूरत है."
गिलानी इस बात को ले कर किसी संदेह में नहीं दिखे कि हमला अमेरिका ने सोच समझ कर ही किया. हालांकि अमेरिका इस बात से इंकार करता आया है. गिलानी ने कहा कि इस हमले का क्या उद्देश्य हो सकता है इस पर अभी भी "एक बड़ा सवालिया निशान" लगा हुआ है. पूछे जाने पर कि क्या हमला अमेरिका ने जान बूझ कर किया उन्होंने कहा, "हां, बिलकुल. और अभी इस पर जांच चल रही है, हम जांच के नतीजों का इंतजार कर रहे हैं."
इस हमले के नतीजे में पाकिस्तान ने अफगानिस्तान के लिए सप्लाई ले जाने वाले नाटो के ट्रकों पर रोक लगा दी है. यह रोक तीन हफ्तों से चल रही है और गिलानी के अनुसार इसे जल्द खत्म नहीं किया जाएगा. इंटरव्यू के दौरान उन से पूछा गया कि क्या इसमें कुछ दिन लग सकते हैं या हफ्ते. इस पर उनका जवाब था, "हफ्ते". उन्होंने कहा कि अमेरिका जब तक "नए नियम" तय नहीं कर लेता तब तक यह रोक लगी रहेगी.
पाकिस्तान में नाटो पर हमला
वहीं रविवार शाम पाकिस्तान के बलूचिस्तान में नाटो के रक्षा दल पर हमला हुआ. बन्दूकधारियों ने तेल के टैंकरों पर हमला किया. इस में एक ड्राइवर की जान चली गई है और सात टैंकर जल गए हैं. यह चार दिन में दूसरा ऐसा हमला है. अब तक हमले की जिम्मेदारी किसी ने नहीं ली है. उच्च पुलिस अधिकारी इनायत बुगटी ने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया, "बोलन जिले में मोटरसाइकल पर सवार करीब आठ बन्दूकधारियों ने काफिले को रुकने के लिए कहा और फिर गोलीबारी शुरू कर दी. एक टैंकर के ड्राइवर को गोली लगी और वहीं उसकी जान चली गई. इसके बाद हमलावरों ने टैंकरों में आग लगा दी और वहां से भाग गए." इस से पहले पिछले हफ्ते क्वेटा में बन्दूकधारियों ने नाटो के 34 ट्रकों पर हमला किया.
जरदारी पर सफाई
गिलानी ने इंटरव्यू में राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के बारे में चल रही अफवाहों पर भी सफाई दी. गिलानी ने कहा कि जरदारी स्वास्थ्य कारणों से यूएएई में हैं, लेकिन ना ही उन्हें दिल का दौरा पड़ा है और ना ही उन्होंने इस्तीफे की बात की है, "उन्हें कभी दौरा नहीं पड़ा. उनकी हालत अब पहले से बेहतर है और उन्हें अब आईसीयू से निकाला जा चुका है. वह अब अपने कमरे में हैं और मेरे ख्याल से वह और दो हफ्तों तक आराम करेंगे."
रिपोर्ट: एएफपी/ईशा भाटिया
संपादन: महेश झा