अमेरिका में कर्ज संकट पर गतिरोध जारी
२५ जुलाई २०११समझौता करने में विफल होने के बाद डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकन दलों ने दो गुटों में बंटकर आपस में बात की है. दोनों पक्ष अब अपना अपना बजट प्रस्ताव लाने की तैयारी कर रहे हैं लेकिन उनमें से किसी को व्यापक समर्थन मिलने की संभावना नहीं है. दोनों ही पक्ष भुगतान की समस्या पर समझौते के लिए तैयार नहीं दिख रहे हैं जिसके कारण वैश्विक आर्थिक संकट शुरू हो सकता है और अमेरिका तिहरा ए क्रेडिट रेटिंग खो सकता है.
सांसदों ने एशियाई बाजारों के खुलने से पहले ही घाटा कम करने पर सहमति की समय सीमा तय की थी लेकिन इसमें इस आशंका के बावजूद विफल रहे कि निवेशक धीरज खो देंगे और अमेरिका को फैसला न कर पाने के लिए सजा देंगे. एशियाई शेयरों के भाव उसके बाद गिरे हैं लेकिन डील हो जाने की उम्मीदों के बीच घाटा कम ही रहा है.
संकट का नुकसान डॉलर को उठाना पड़ा है और येन के खिलाफ उसका भाव 11 मार्च के भूकंप के बाद से सबसे कम हो गया है. हॉन्गकॉन्ग में उसकी दर में 0.64 फीसदी की गिरावट आई जबकि टोकयो में 0.63 फीसदी की, सिडनी में 0.91 फीसदी की, शंघाई में 0.50 फीसदी की और सोल में 0.71 फीसदी की.
अमेरिका में राष्ट्रपति बराक ओबामा की सत्ताधारी डेमोक्रेटिक पार्टी और विपक्षी रिपब्लिकन पार्टी को 1 अगस्त तक भुगतान के संकट पर समझौता कर लेना है. यदि 2 अगस्त तक देश के 14300 अरब डॉलर के कर्ज की कानूनी सीमा को बढ़ाने का फैसला नहीं होता है तो अमेरिका वेतन और पेंशन का भुगतान करने की हालत में नहीं रहेगा. ऐसा होने पर दुनिया के एक और मंदी में लुढ़कने की आशंका व्यक्त की जा रही है. रिपब्लिकन पार्टी खर्च में कटौती कर सारी बचत करने पर जोर दे रहा है तो डेमोक्रेट्स धनी लोगों के लिए टैक्स में वृद्धि पर जोर दे रहे हैं.
रिपोर्ट: एजेंसियां/महेश झा
संपादन: एस गौड़