अमेरिकी चुनाव में जोर घरेलू मुद्दों पर
४ नवम्बर २०१२करीब 8 फीसदी की बेरोजगारी और वित्तीय संकट के बाद से धक्के खाती अर्थव्यवस्था को देखते हुए कोई हैरत नहीं कि अमेरिकी चुनावों का मुख्य मुद्दा अर्थव्यवस्था ही है. चुनाव से पहले आए बेरोजगारी के आंकड़ों पर टिप्पणी करते हुए व्हाइट हाउस ने उसे सुधरती अर्थव्यवस्था की निशानी बताया है तो राष्ट्रपति बराक ओबामा को चुनौती दे रहे मिट रोमनी ने उसे अर्थव्यवस्था के ठहराव का संकेत करार दिया है.
कर नीति
ओबामा ढाई लाख डॉलर से ज्यादा कमाने वाले परिवारों का आयकर 35 से बढ़ाकर 39.4 फीसदी करना चाहते हैं. इसका इस्तेमाल वे कम आय वाले लोगों के कर बोझ को कम रखने के लिए करना चाहते हैं. इसके विपरीत रोमनी आयकर को 20 फीसदी घटाना चाहते हैं. रोमनी ने यह नहीं बताया है कि इस कमी को वे किस तरह पूरा करेंगे. इसके अलावा रोमनी विरासत में मिलने वाली सम्पत्ति पर कर खत्म करना चाहते हैं जबकि ओबामा 35 लाख डॉलर की छूट के बाद 45 फीसदी कर जारी रखना चाहते हैं.
स्वास्थ्य नीति
अमेरिका में स्वास्थ्य नीति भी आर्थिक मुद्दा है. अमेरिकी परिवार अपनी आय का 20 फीसदी स्वास्थ्य पर खर्च करता है, जो दुनिया में सबसे ज्यादा है. इसके बावजूद लाखों अमेरिकियों के पास कोई स्वास्थ्य बीमा नहीं है. ओबामा ने हाल ही में स्वास्थ्य सेवा का सुधार किया है जिसके तहत लाखों लोगों का इलाज के लिए बीमा किया गया है. रोमनी ने इस कानून को पलटने का वादा किया है. उनके राष्ट्रपति बनने पर हर छठा अमेरिकी फिर से स्वास्थ्य बीमा के बिना होगा. इसके अलावा वे गरीबों के लिए सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं में आमूल परिवर्तन करना चाहते हैं. इसके विपरीत ओबामा इसे बनाए रखना चाहते हैं और बेहतर बनाना चाहते हैं.
रक्षा नीति
अमेरिका अपने बजट का 20 फीसदी सेना पर खर्च करता है. 2011 में अमेरिका ने रैंकिंग में अपने बाद के दस देशों के खर्च से ज्यादा खर्च किया. चीन की तुलना में उसने सेना पर पांच गुना ज्यादा खर्च किया. बजट पर दबाव के बावजूद ओबामा या रोमनी रक्षा बजट में कटौती पर विचार नहीं कर रहे हैं. रोमनी ने ओबामा पर सेना को कमजोर करने का आरोप लगाया है और कहा है कि वह सेना पर जीडीपी का चार फीसदी खर्च करते रहेंगे. डॉलर में इसका मतलब बजट में वृद्धि है.
मुख्य अंतर
राष्ट्रपति ओबामा और मिट रोमनी में सबसे बड़ा अंतर सरकार और बाजार की भूमिका की समझ है. ओबामा का मानना है कि आर्थिक नीति में सरकार की महत्वपूर्ण भूमिका है, जबकि रोमनी का कहना है कि यह काम सरकार से बेहतर बाजार कर सकता है. अमेरिका में आर्थिक विषमता लगातार बढ़ रही है और इस समय यह 1920 के बाद से सबसे ज्यादा है.
विदेश नीति
चुनाव प्रचार की तैयारियों के दौरान मिट रोमनी ने राष्ट्रपति ओबामा से अलग विदेश नीति देने की घोषणा की थी. उन्होंने कहा था कि वे अमेरिका को दूसरे अमेरिकी शताब्दी में ले जाना चाहते हैं. वे उन लोगों को लुभाना चाहते थे जो अमेरिका विश्व पुलिस की भूमिका में देखना चाहते हैं. एक ताजा सर्वे के अनुसार सिर्फ 24 फीसदी अमेरिकी मानते हैं कि उनका देश अभी भी विश्व राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. लीबिया में ओबामा ने पीछे से नेतृत्व देने की घोषणा की थी. ईरान में भी वे सभी विकल्पों को खुला रखने की बात कर रहे हैं लेकिन कूटनीति पर जोर दे रहे हैं. लेकिन रोमनी अमेरिका की विशेष भूमिका पर जोर देते हैं और कहते हैं अमेरिका खास जिम्मेदारी वाला खास देश है.
एमजे/एनआर (डीपीए, एएफपी)