आईएमएफ प्रमुख को नहीं मिली जमानत
१७ मई २०११कान पर बलात्कार की कोशिश, यौन हमला और गैरकानूनी रूप से बंधक बनाने के आरोप लगाए गए हैं. ये आरोप उनके कमरे की सफाई करने गई होटल की महिला कर्मचारी ने लगाए हैं. इन्हीं आरोपों के बाद शनिवार रात उन्हें विमान से उतार कर गिरफ्तार किया गया. जज ने अपने आदेश में कहा कि विमान में जाने का उनका फैसला इस बात का संकेत है कि वह भागने की सोच सकते हैं और इसलिए उन्हें जमानत नहीं दी जा सकती.
कान के वकील ने जमानत के लिए 10 लाख डॉलर की रकम और यात्रा के दस्तावेज जमा करने और न्यूयॉर्क में ही रहने की पेशकश रखी लेकिन इसके बावजूद जज जमानत देने पर रजामंद नहीं हुईं. अदालत को लगा कि विमान में सवार हो कर कान ने आशंकाएं पैदा कीं. महिला के आरोपों के बाद कान अपना मोबाइल फोन भी होटल में छोड़कर निकले गए थे.
भागने की मंशा नहीं
बचाव पक्ष के वकील बेंजामिन ब्राफमैन ने जज से कहा कि उनके मुवक्किल ने जांच में सहयोग किया है और उनके भागने का जोखिम नहीं है. उन्होंने ये भी दलील दी कि कान को हिरासत में रखना अनुचित है क्योंकि सबूतों के आधार पर आखिरकार वो बरी हो जाएंगे. स्ट्रॉस कान ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों से इनकार किया है. ब्राफमैन का कहना है कि कान के वापस जाने का कार्यक्रम घटना के काफी पहले से तय था और उनकी वहां से भागने की कोई मंशा नहीं थी.
32 साल की कथित पीड़ित महिला ने न्यूयॉर्क पुलिस से शिकायत की कि मैनहट्टन के सॉफीटेल सुईट में रह रहे स्ट्रॉस कान ने उसके साथ शनिवार को बदसलूकी की. इस सुईट में एक रात रहने का किराया 3,000 डॉलर है. कान ने एयरपोर्ट से होटल फोन कर अपने मोबाइल के बारे में जानकारी मांगी. इस तरह अधिकारियों को पता चला गया कि कान कहां हैं और फिर उन्हें विमान से उतार कर गिरफ्तार कर लिया गया.
दुनिया हैरान
कान की गिरफ्तारी ने दुनिया भर में लोगों को हैरान किया है. खासतौर से ऐसे समय में जब आईएमएफ अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था को मंदी से उबारने में अहम भूमिका निभा रहा है. आईएमएफ ने कहा है कि कान की गिरफ्तारी का उसके कामकाज पर कोई असर नहीं पड़ेगा. अमेरिका ने भी कहा है कि उसे पूरा भरोसा है कि आईएमएफ कान की गैरमौजूदगी में भी सही ढंग से काम करता रहेगा. उधर यूरोपीय संघ ने कहा है कि इस मामले से कर्ज में डूबे देशों की मदद करने के कार्यक्रम पर कोई असर नहीं पड़ेगा.
कान की गिरफ्तारी से सबसे ज्यादा उठापटक मची है फ्रांस में. फ्रांस की विपक्षी सोशलिस्ट पार्टी ने भी इस मामले को ज्यादा महत्व न देने की वकालत की है. कान इसी पार्टी की तरफ से अगले राष्ट्रपति चुनावों में निकोला सारकोजी से भिड़ने की सोच रहे थे. माना जा रहा था कि वो सारकोजी को कड़ी टक्कर देते और इस बात की भी संभावना बन रही थी कि वो सारकोजी को हराने में कामयाब होते. पर अब तस्वीर बदल गई है.
रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन
संपादन: ओ सिंह