आईएसआई पर उठे सवालों पर भड़का पाकिस्तान
१० जुलाई २०११पाकिस्तानी सेना के मुख्य प्रवक्ता मेजर जनरल अतहर अब्बास ने कहा कि न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्टें गुमनाम अधिकारियों की तरफ से की जा रही उस सोची समझी योजना का हिस्सा हैं जिसका मकसद पाकिस्तान को कमजोर करना है. समाचार एजेंसी रॉयटर्स के साथ इंटरव्यू में उन्होंने कहा, "यह हमारे सुरक्षा संगठन और खुफिया एजेंसी पर सीधा हमला है. हम आईएसआई को एक रणनीतिक खुफिया संगठन मानते हैं, जो हमारी सुरक्षा में सबसे आगे खड़ा है."
पाकिस्तान और अमेरिका के बीच रिश्ते पिछले साल से ही खराब चल रहे हैं लेकिन इस साल एक सीआईए एजेंट के हाथों दो पाकिस्तानियों की मौत और फिर 2 मई को एबटाबाद में अमेरिकी सैन्य अभियान में अल कायदा नेता ओसामा बिन लादेन की मौत के बाद संबंधों में तनाव चरम पर है. बिन लादेन के खिलाफ हुए अभियान की पाकिस्तान को कोई भनक नहीं लगने दी गई जिसे वह अपनी संप्रभुता का हनन बताता है.
घेरे में आईएसआई
अब्बास न्यूयॉर्क टाइम्स में शुक्रवार को छपे उस संपादकीय के बारे में पूछे गए सवालों के जवाब दे रहे थे जिसके मुताबिक इस बात के पूरे सबूत मौजूद हैं कि आईएसआई ने बिन लादेन को शरण दी हुई थी, वही 2008 के मंबई हमलों से जुड़ी थी और उसी ने एशिया टाइम्स ऑनलाइन के लिए काम करने वाले पाकिस्तानी पत्रकार सलीम शहजाद की हत्या कराई है.
आईएसआई पर लंबे सयम से आरोप लगते रहे हैं कि उसने 1980 और 1990 के दशक में उग्रवादियों को पाला. एबटाबाद में हुए ऑपरेशन के बाद आरोप लगा कि पाकिस्तान तालिबान और अल कायदा के साथ दोहरा खेल खेल रहा है. अब्बास ने कहा, "मीडिया में होने वाली पूरी रिपोर्टिंग गुमनाम अधिकारियों और सूत्रों के हवाले से हो रही है. यह पाकिस्तानी राष्ट्र और उसकी सत्ता को कमजोर करने की साजिश है." अब्बास ने यह बताने से इनकार कर दिया कि ये गुमनाम अधिकारी कौन हैं. हालांकि न्यूयॉर्क टाइम्स का कहना है कि ये अमेरिकी अधिकारी हैं.
संपादकीय से उठते सवाल
न्यूयॉर्क टाइम्स ने शुक्रवार को अपने संपादकीय में लिखा, "अमेरिका को अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए जल्द से पाशा को हटवाना चाहिए. पाकिस्तानी सुरक्षा प्रतिष्ठान को यह भी बताने की जरूरत है कि अगर आईएसआई या पाकिस्तान सेना में ऐसे व्यक्तियों की पहचान की गई है जो आंतकवादियों की मदद कर रहे हैं तो उनके यात्रा करने और अन्य गतिविधियों पर पाबंदी लगनी चाहिए."
बेहद प्रभावशाली इस अखबार का कहना है कि आईएसआई पाकिस्तान और अमेरिकी हितों के खिलाफ काम कर रही है. आईएसआई के मुखिया लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शुजा पाशा सेना प्रमुख जनरल परवेज अशफाक कयानी के नजदीकी माने जाते हैं.
न्यूयॉर्क टाइम्स का यह संपादकीय अमेरिकी सेना प्रमुख माइक मलेन के इस बयान के एक दिन बाद आया है जिसमें उन्होंने कहा कि हो सकता है कि पाकिस्तान सरकार के कहने पर पत्रकार सलीम शहजाद की हत्या की गई हो. इसी हफ्ते इस अखबार में छपी एक खबर के मुताबिक अमेरिकी सरकार के पास इस बात के सबूत हैं कि इस बर्बर हत्या में आईएसआई का हाथ था.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार
संपादनः एन रंजन