आरक्षण में सैफ नहीं, आरक्षण की मांग
२५ मई २०११प्रकाश झा के बैनर तले बन रही इस फिल्म आरक्षण के खिलाफ दलित कार्यकर्ताओं के एक गुट ने अपील की थी. उनका कहना था कि सैफ एक मुस्लिम नवाब खानदान से आते हैं और फिल्म में उन्हें एक दलित के तौर पर दिखाया जाना ठीक नहीं है. लेकिन प्रकाश झा ने कहा कि इस गुट की मांग बकवास है और फिल्म में कोई बदलाव नहीं किया जा सकता है और यह आजादी और समानता के बुनियादी कानून के खिलाफ है. वैसे भी इसकी शूटिंग पूरी हो चुकी है.
झा का कहना है, "भारत एक पूर्ण लोकतांत्रिक देश है, जहां फिल्मों के जरिए कहानी कहने का हमें हक है. सामाजिक, राजनीतिक और धार्मिक मुद्दों पर हम चर्चा कर सकते हैं और इन्हें स्क्रीन पर पेश कर सकते हैं."
आरक्षण में भारत की आरक्षण नीति की कहानी है कि किस तरह सरकारी नौकरियों में लगातार आरक्षण बढ़ता जा रहा है. सैफ अली खान के अलावा फिल्म में अमिताभ बच्चन और दीपिका पादुकोण भी हैं.
भारत में दलितों की स्थिति कभी बेहद खराब थी और उन्हें छूआछूत का सामना भी करना पड़ता था. कई सामाजिक कार्यक्रमों में उनकी हिस्सेदारी पर पाबंदी थी. बाद में समाज में उन्हें बेहतर स्तर दिलाने के लिए कई स्तरों पर आरक्षण का प्रावधान लाया गया. भारत में करीब 16 करोड़ दलित हैं.
प्रकाश झा का कहना है, "सैफ अली खान को उनकी अभिनय क्षमताओं के लिए फिल्म में लिया गया है." उन्होंने कहा कि फिल्म में आरक्षण के दोनों पक्षों को दिखाया जाएगा.
सैफ अली खान बॉलीवुड के बेहतरीन अदाकारों में गिने जाते हैं. कई बार उन्हें छोटा नवाब भी कहा जाता है. उनके पिता मंसूर अली खान पटौदी के नौवें नवाब हैं. वह भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान भी रह चुके हैं. सैफ के दादा इफ्तिखार अली खान पटौदी आठवें नवाब थे. उन्होंने भारत और इंग्लैंड की राष्ट्रीय टीमों से क्रिकेट खेला था.
रिपोर्टः एएफपी/ए जमाल
संपादनः ओ सिंह