इक्वाडोर का यह कैसा इंसाफ?
२१ सितम्बर २०११सरकार कहती है कि इन लोगों ने कानून तोड़ा है. स्वदेशी कार्यकर्ताओं के मुताबिक अगर आप पवित्र स्थलों और पर्यावरण को बचाने की कोशिश कर रहे तो आपको आतंकवाद के आरोप में जेल में डाला जा सकता है. डॉयचे वेले से बातचीत में स्वदेशी राष्ट्रीयता परिसंघ (सीओएनएआईई) के उपाध्यक्ष पेपे अकाको कहते हैं, "कार्यकर्ताओं और पर्यावरण संरक्षकों के खिलाफ लगभग 200 मामले दर्ज हैं."
सीओएनएआईई सरकार की ओर से कार्यकर्ताओं और स्थानीय लोगों पर होने वाली कार्रवाई का दस्तावेजीकरण कर रही है. यह लोग बड़े पैमाने पर संसाधन विकास परियोजनाओं का विरोध कर रहे हैं. जैसे सोने का खनन, तेल के लिए ड्रिलिंग और पनबिजली परियोजनाएं. इस तरह की परियोजनाओं से नाखुश समुदाय आवाज उठा रहा है. मसलन पेपे अकाको की संस्था, जो इक्वाडोर के एमाजोन इलाके में काम कर रही है.
अपनी मिट्टी का बचाव
अकाको एक स्वदेशी नेता हैं और उन पर 2009 में पानी को लेकर बने एक कानून के खिलाफ सड़क जाम करने के आरोप साबित हुए हैं. उनको 16 साल की सजा सुनाई गई है. अकाको बताते हैं कि उन्हें 40 अन्य लोगों के साथ गिरफ्तार किया गया था. वह कहते हैं, "यह राजनीति है, क्योंकि मैं वह नेता हूं जो साथ मिलकर अपने अधिकार, पर्यावरण और अपने इलाके के लिए लड़ता है."
कारलोस पेरेज भी ऐसे ही एक कार्यकर्ता हैं जिन पर आतंकवाद का आरोप है. पेरेज किच्छवा धरोहर के अटॉर्नी हैं. पेरेज को 2010 में सोने के खनन का विरोध करने पर गिरफ्तार किया गया था. पेरेज दक्षिणी इक्वाडोर के क्विंका के पास संरक्षित जंगल में सोने के खनन का विरोध कर रहे थे. जंगल की दो नदियों से करीब 5 लाख लोग अपनी प्यास बुझाते हैं. पेरेज कहते हैं, "हमारी लड़ाई पहले से कहीं ज्यादा मजबूत होती जा रही है. पानी हमारे लिए पवित्र है और पानी हमारी जिंदगी है. "
सोने के खनन से खतरा
इक्वाडोर की सरकार ने कनाडा की एक कंपनी आई एम गोल्ड को क्विमसाकोचा में खनन करने के लिए कुछ रियायतें दी हैं. क्विमसाकोचा इक्वाडोर का दक्षिणी इलाका है और किच्छवा समुदाय के लोग इसे पवित्र मानते हैं. किच्छवा समुदाय के लोग साल में दो बार पवित्र तालाब में प्रार्थना करने आते हैं. सदियों से किच्छवा समुदाय के लोग इस जमीन से जुड़े हुए हैं.
खनन परियोजना का असर संस्कृति और परंपराओं पर होगा. इक्वाडोर के राष्ट्रपति राफेल कोरेरा को इस समझौते को खत्म करने में कोई झिझक नहीं लेकिन वह कहते हैं, "हम भिखारियों की तरह नहीं रह सकते. हम सोने की खान पर बैठे हैं. इक्वाडोर में बड़ी मात्रा में खनिज संपदा है. हम बेतुके और तर्कहीन विश्वासों के लिए अपने देश के विकास को नकार नहीं सकते हैं. हम शिक्षा और स्वास्थ्य को छोड़ नहीं सकते."
खनिज से खुशी !
इक्वाडोर अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत करना चाहता है. और देशों के अलावा चीन भी यहां मुनाफा कमाने के लिए कतार में लगा है. पिछले महीने ही चीन ने एल्यूमीनियम और तांबा की खान खरीदने की योजना का एलान किया है.
आर्थिक दबाव के चलते स्थानीय समुदाय और स्वदेशियों की आवाज दब जाती है. राष्ट्रपति के कार्यालय के प्रवक्ता कारलोस पेरेज और पेपे अकाको पर लगे आतंकवादी मामलों को सही ठहराते हैं. वह कहते हैं, "कारलोस पेरेज और पेपे अकाको राजनीतिज्ञ हैं. उन लोगों ने कानून को तोड़ा हैं और वे आतंकवाद के दोषी हैं."
नए संविधान से सहारा
अपने बचाव में कार्यकर्ता देश को आगे की सोच रखने वाले 2008 में बने नए संविधान का सहारा ले रहे हैं. नए संविधान के जरिए कार्यकर्ता अपने कार्यों को सही साबित कर रहे हैं और संसाधन को निचोड़ने के काम का विरोध कर रहे हैं.
संविधान प्रकृति को अस्तित्व में रहने और फलने फूलने का अधिकार देता है. संविधान अपने विचार व्यक्त करने की भी आजादी देता है. संविधान के मुताबिक स्थानीय समुदायों को खनन की जानकारी देनी होगी और खनन से पहले उनकी सहमति लेनी होगी. कारलोस पेरेज के मुताबिक कानूनी सजा स्वदेशी लोगों को अपनी पवित्र जमीन के हक में प्रदर्शन करने से नहीं रोक सकती.
रिपोर्ट: क्रिश्टीना आनेस्टाड / आमिर अंसारी
संपादनः ए कुमार