इटली में ट्यूनीशिया से हजार से ज्यादा शरणार्थी
१४ फ़रवरी २०११ट्यूनीशिया में पूर्व राष्ट्रपति जीने अल अबीदीन बेल अली के सत्ते से हटने के बाद लगता है कि देश की असली परेशानियां अब शुरू हो रही हैं. हजारों की भीड़ देश से बाहर निकलने की ताक में हैं. रविवार को इटली में लांपेदूसा द्वीप में पहुंचे 1,000 गैर कानूनी शरणार्थियों को संभालने के लिए स्थानीय अधिकारियों ने मदद की मांग की है.
हालात को काबू में लाने के लिए इटली की सरकार ने तटीय अफसरों को खास अधिकार दिए हैं. इसके तहत तटीय इलाकों तक ट्यूनीशिया से पहुंच रहे नावों को भी रोका जा सकेगा. ट्यूनीशिया में आंदोलन के बाद स्थापित नई सरकार ने कहा है कि वह मुद्दे पर बातचीत करेगी. शुक्रवार को ट्यूनीशिया से इटली की तरफ जा रही एक नाव डूब गई थी और उसमें सवार एक शरणार्थी की मौत हो गई थी.
इस बीच इटली के विदेश मंत्री फ्रांको फ्रातीनी ने रविवार को यूरोपीय संघ से दोबारा मदद की मांग की. ईयू की विदेश आयुक्त कैथरीन ऐशटन भी सोमवार से ट्यूनीशिया के दौरे पर हैं जहां लोकतंत्र की स्थापना के अलावा इस मुद्दे पर भी बातचीत होने की उम्मीद है. फ्रातीनी ने कहा, "हमें भूमध्य सागर के आसपास उन देशों से मदद मांगनी होगी जिनके पास नाव, हेलिकॉप्टर और हवाई जहाज हैं." अधिकारियों ने इस बीच शरणार्थियों को लांपेदूसा के एक फुटबॉल मैदान में रखा है. चर्चों और स्कूलों में भी लोगों के रहने का इंतेजाम किया जा रहा है.
इसी बीच इटली के गृह मंत्री रोबेर्तो मारोनी ने ट्यूनीशिया से भागते हुए लोगों के लिए वहां की सरकार को दोष दिया है और कहा है कि ट्यूनीशिया की सरकार अवैध आप्रवासियों को नहीं रोक रही है क्योंकि देश ने इस सिलसिले में किसी भी तरह के द्विपक्षीय समझौतों पर हस्ताक्षर नहीं किया है. मारोनी का कहना है कि शरणार्थियों में आतंकवादी भी मौजूद हो सकते हैं जो मौके का फायदा उठाना चाहेंगे.
वहीं ट्यूनीशिया की सरकार का कहना है कि यह एक सुरक्षा संबंधित मुद्दा है और उसे इटली की सरकार ने सीधे तौर पर कोई संदेश नहीं भेजा है. वहां की सरकार ने तटीय इलाकों पर सुरक्षा बलों को तैनात किया है. इटली की सरकार ने इस बीच ट्यूनीशिया में शरणार्थियों को रोकने के लिए इतालवी बलों को तैनात करने की बात कही है. लेकिन ट्यूनीशिया के सरकार प्रवक्ता तैय्यब बाकूचे ने एक टेलिविजन चैनल को कहा कि उनके देश के लोग विदेशी सैनिकों की तैनाती के खिलाफ हैं.
वहीं देश की सरकार की कठिनाईयों को बढ़ाते हुए विदेश मंत्री अहमद ओनेइस ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. पैरिस में उन्होंने फ्रांस के विदेश मंत्री आलियो-मारी को ट्यूनीशिया का दोस्त कहा था, लेकिन कुछ ही दिनों बाद आलियो मारी ने कहा कि उन्होंने ट्यूनीशिया में एक विमान का इस्तेमाल किया था जो पूर्व राष्ट्रपति बेन अली के समर्थक का था.
रिपोर्टः एजेंसियां/एमजी
संपादनः उभ