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इधर सोनिया के तीर, उधर सत्ता के वीर

१८ नवम्बर २०१०

बिहार में अब चुनाव अपने आखिरी दौर में है तो पार्टियों के बीच जंग भी तीखी हो गई है. लालू यादव और नीतीश कुमार एक दूसरे पर और कांग्रेस पर इल्जाम लगाते रहे हैं. बुधवार को सोनिया गांधी ने दोनों को आड़े हाथों लिया.

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कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधीतस्वीर: UNI

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि बिहार का विकास इसलिए नहीं हो पाया क्योंकि पिछले 20 साल में राज्य में गैर कांग्रेसी सरकारें रहीं. उन्होंने वही बात दोहराई जो प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी कही थी. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने राज्य के विकास के लिए करोड़ों रुपये दिए लेकिन एनडीए सरकार उनका इस्तेमाल गरीबों के कल्याण के लिए नहीं कर पाई.

L.K. Advani
बीजेपी नेता एलके आडवाणीतस्वीर: UNI

सोनिया ने एक रैली में आरजेडी और एनडीए का नाम लिए बगैर कहा, "अब जबकि चुनाव बस दो दिन दूर है तो लोगों के लिए अपने भविष्य के बारे में फैसला लेने का वक्त आ गया है. पिछले 20 साल के दौरान आईं गैर कांग्रेसी सरकारें ही राज्य के पिछड़ेपन की वजह हैं." सोनिया गांधी ने राज्य के कई इलाकों चुनावी सभाएं कीं.

नीतीश कुमार सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि उनकी सरकार खाली वादे और मीठे सपनों से लोगों को बहलाती रही है लेकिन समस्याएं जस की तस हैं. उन्होंने कहा, "सच्चाई ज्यों की त्यों है कि बेरोजगारी, गरीबी और पिछड़ापन दूर नहीं हुआ है. लोग अब भी बेहतर मौकों की तलाश में दूसरी जगह जाने को मजबूर हैं. यहां के लोग बाहर जाकर बहुत अच्छा काम कर रहे हैं और देश का नाम रोशन कर रहे हैं."

राज्य में नीतीश कुमार के साथ मिलकर सरकार चला रही बीजेपी के नेता लालकृष्ण आडवाणी ने भी बुधवार को राज्य का दौरा किया. उन्होंने पटना में मीडिया से बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले को लेकर निशाना साधा. उन्होंने अन्य बीजेपी नेताओं के साथ सासाराम में एक जनसभा को संबोधित किया.

बीजेपी नेता रवि शंकर प्रसाद ने भी लालू और कांग्रेस को उखाड़ फेंकने की बात कही. उन्होंने कहा, "मैं ही वह वकील हूं जिसने चारा घोटाले में लालू यादव को जेल भिजवाया." प्रसाद ने एक खामोश क्रांति लाने की बात कही जिसके जरिए "लालटेन को बुझाना है, झोपड़ी को उड़ा देना है और हाथ को मरोड़ देना है." ये तीनों आरजेडी, एलजेपी और कांग्रेस के चुनाव निशान हैं.

रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार

संपादनः एन रंजन

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