ईरान से लेनदेन पर भारतीय बैंकों को चेतावनी
१९ जनवरी २०११आरबीआई ने बैंकों और वित्तीय संस्थानों को भेजे एक सर्कुलर में चेतावनी का एक पत्र भेजा है. यह चेतावनी फाइनैंशल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने जारी की है. एफएटीएफ एक अंतरराष्ट्रीय संस्था है जो हवाला और आतंकवादी कार्रवाइयों के लिए पैसे के लेनदेन पर नजर रखती है और इसे रोकने की कोशिश करती है.
एफएटीएफ की चेतावनी के मुताबिक सभी वित्तीय संस्थानों को सलाह दी गई है कि ईरान के साथ होने वाले व्यापारिक लेनदेन और समझौतों पर खास ध्यान दें. इनमें ईरान की कंपनियां और वित्तीय संस्थान शामिल हैं.
क्या है चेतावनी
एफएटीएफ की चेतावनी में कहा गया है कि इन सावधानियों से बचने की कोशिश की जा सकती है इसलिए ईरान के वित्तीय संस्थानों की तरफ से नई ब्रांच या सहयोगी कंपनियां खोलने की अर्जी पर विशेष ध्यान दिया जाए.
ऐसा ही एक सर्कुलर भारत के शेयर बाजार पर नियंत्रण रखने वाली संस्था सेबी ने भी जारी किया है. शेयर बाजारों को जारी किए गए इस सर्कुलर का मकसद है कि ईरान की कंपनियां हवाला या आतंकवादी कार्रवाइयों के लिए धन भेजने के वास्ते भारतीय शेयर बाजारों का इस्तेमाल न कर पाएं. शेयर बाजारों ने अपने दलालों को सर्कुलर पर ध्यान देने के लिए कह दिया है.
एफएटीएफ में भारत
भारत पिछले साल ही एफएटीएफ का सदस्य बना है. इस अंतरराष्ट्रीय संस्था में पहुंच पाने के लिए भारत को इसके बनाए नियमों का पालन करना होगा. पैरिस से काम करने वाली यह संस्था अपने सदस्य देशों को समय समय पर सावधान करती है. ईरान के बारे में चेतावनी पिछले साल के आखिर में जारी की गई.
ईरान पर अमेरिका और कई यूरोपीय देशों ने आर्थिक और अन्य प्रतिबंध लगा रखे हैं. इन देशों का आरोप है कि ईरान अपने परमाणु कार्यक्रम का इस्तेमाल हथियार बनाने के लिए कर रहा है. प्रतिबंध लगाने वाले देश आतंकवादी कार्रवाइयों को रोकने और ईरान के परमाणु कार्यक्रम को समर्थन बंद करने की बात कहते हैं. अमेरिका ने तो अपनी सभी कंपनियों से ईरान से लेनदेन उजागर करने को कहा है.
रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार
संपादनः एस गौड़