ईशनिंदा कानून के समर्थन में बड़ी रैली
९ जनवरी २०११धार्मिक गुटों ने पंजाब के गवर्नर सलमान तासीर की हत्या करने वाले कमांडो के समर्थन में कराची की सड़कें जाम कर दीं. तासीर ने पाकिस्तान के ईशनिंदा कानून में परिवर्तन की मांग की थी जिसके तहत पिछले दिनों पांच बच्चों वाली ईसाई महिला आशिया बीबी को मौत की सजा दी गई थी. लेकिन उनके खुले रुख ने देश में ताकतवर होते अनुदारवादी धार्मिक आधार को नाराज कर दिया.
बेनजीर भुट्टो के बाद देश के सबसे महत्वपूर्ण हाइ प्रोफाइल राजनीतिक हत्या के अपराधी के समर्थन में एक राष्ट्रीय उर्दू दैनिक ने सुर्खी लगाई, "मुमताज कादरी हत्यारा नहीं, वह हीरो है." एक दूसरे अखबार की सुर्खी थी, "कादरी की हिम्मत को सलाम."
कराची में वरिष्ट पुलिस अधिकारी मोहम्मद अशफाक ने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया, "यहां कम से कम 40 हजार लोग हैं और दूसरे आ रहे हैं." प्रदर्शनकारी जिहाद के समर्थन में नारे लगा रहे हैं और धार्मिक संगठनों का बैनर अपने हाथों में लिए हैं.
रैली का आयोजन प्रतिबंधित जमात उद दावा के काजी अहसान ने किया है. अहसान ने प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए कहा, "हम ईशनिंदा कानून पर समझौता नहीं कर सकते. यह दैवी कानून है, जिसे कोई नहीं बदल सकता."
पाकिस्तान में इस कानून पर विवाद तब भड़क गया जब सूचना मंत्री शेरी रहमान ने नवंबर में संसद में एक संशोधन बिल रखा जिसमें ईशनिंदा के लिए मौत की सजा समाप्त करने का प्रावधान है.
मानवाधिकार कार्यकर्ताओं का कहना है कि यह कानून तालिबान हमलों का सामना कर रहे देश में इस्लामी कट्टरपंथ को बढ़ावा दे रहा है. शेरी रहमान ने कराची में अपने किलाबंद घर से कहा है कि वे विरोध के सामने नहीं झुकेंगी.
रिपोर्ट: एजेंसियां/महेश झा
संपादन: एस गौड़