उंगली उंगली में खूबसूरती
२० अप्रैल २०११आज बुधवार को ब्रिटिश रॉयल सोसायटी के जर्नल बायोलॉजिकल साइंसेज में एक अध्ययन प्रकाशित किया गया है, जिसमें पुरुष के शरीर के विशिष्ट हिस्सों, उनके हॉर्मोन और महिलाओं के लिए उनके आकर्षण की गुत्थियों पर प्रकाश डाला गया है. इस अध्ययन के अनुसार अंगुठी पहनने वाली चौथी उंगली अगर दूसरी उंगली या तर्जनी से लंबी हो, तो ऐसे पुरुष को महिलाएं आकर्षक समझती हैं. इस अध्ययन के अनुसार हम अपना व्यवहार सीखते नहीं हैं, वह हमारी प्रकृति में निहित होता है.
इससे पहले किए गए अध्ययनों से भी संकेत मिला था कि पुरुष हॉर्मोन या टेस्टोस्टेरोन की मात्रा इन दोनों उंगलियों की लंबाई के अनुपात से संबंधित है, और यह मां के पेट में ही तय हो जाता है. दोनों उंगलियों की लंबाई में अंतर जितना अधिक होता है, हॉर्मोन पर उसका असर उतना ही अधिक होता है. लेकिन इस प्रयोग में जांच के दायरे को बढ़ाया गया.
खूबसूरती का मापदंड
जेनेवा यूनिवर्सिटी की कामिले फेर्डेन्जी के नेतृत्व में वैज्ञानिकों के एक दल ने परीक्षण किये कि पुरुषों में अधिक टेस्टोस्टेरोन के लक्षणों का, मसलन सुडौल चेहरे, गहरी आवाज और एक खास किस्म की गंध का महिलाओं पर कितना असर पड़ता है. 18 से 34 साल की उम्र वाली 80 महिलाओं को पुरुषों की तस्वीरें दिखाई गईं और उनसे इन पुरुषों की आकर्षकता को भांपने के लिए कहा गया. कुछ महिलाओं की पुरुषों की आवाज की रिकॉर्डिंग भी सुनाई गई और पुरुषों के शरीर के गंध के नमूने भी दिये गये.
फेर्डेन्जी का कहना है कि इन परीक्षणों का उद्देश्य यह पता लगाना था कि किन मापदंडों पर कोई पुरुष आकर्षक लगता है, व साथ ही, इनमें से कौन से तत्व मातृगर्भ में ही निरुपित हो जाते हैं. उनका कहना है कि तस्वीरों के आधार पर मूल्यांकन के नतीजे बिल्कुल स्पष्ट थे. जिनकी चौथी उंगली जितनी लंबी थी, यानी टेस्टोस्टेरोन समृद्ध पुरुषों को महिलाओं ने अधिक आकर्षक पाया.
लेकिन आवाज और गंध के आधार पर किये गये मूल्यांकन अक्सर इसके अनुरूप नहीं रहे. फ्रेडेन्जी का अनुमान है कि आवाज और गंध टेस्टोस्टेरोन के स्तर में परिवर्तन पर निर्भर करते हैं, यानी कि वे जन्मजात नहीं होते
इससे पहले दिसंबर में प्रकाशित एक अध्ययन से पता चला था कि जिनकी चौथी उंगली अधिक लंबी होती है, उनमें प्रोस्टेट कैंसर होने का खतरा अधिक होता है. टेस्टोस्टेरोन की मात्रा अधिक होने से ऐसे कैंसर का जोखिम भी अधिक होता है.
रिपोर्ट: एजेंसियां/उभ
संपादन: एन रंजन