उत्तर कोरिया में रॉकेट प्रक्षेपण की उल्टी गिनती
९ अप्रैल २०१२दुनिया से अलग थलग रहने वाले देश ने पहली बार विदेशी पत्रकारों को भी इस मौके पर न्योता दिया. रविवार को विदेशी पत्रकारों के दल को रॉकेट प्रक्षेपण केंद्र का भरपूर दीदार करने का मौका दिया गया. यह कोशिश दुनिया को यह दिखाने की भी है कि रॉकेट का प्रक्षेपण शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए है. अमेरिका और दूसरे देश पहले ही इस प्रक्षेपण को परमाणु मिसाइल का परीक्षण करार दे चुके हैं जो उनके मुताबिक संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव की अवहेलना है. एक दक्षिण कोरियाई अधिकारी का तो यहां तक कहना है कि उत्तर कोरिया एक और प्रक्षेपण की तैयारी कर चुका है जो अप्रैल 12 से 16 के बीच होगी और यह परमाणु हथियार का तीसरा परीक्षण होगा.
हालांकि उत्तर कोरिया के तोंगचांग री अंतरिक्ष केंद्र के प्रमुख जांग म्योंग जिन रॉकेट प्रक्षेपण को गुप्त रूप से मिसाइल परीक्षण बताने वालों को "सचमुच बेतुका" कहा है. पत्रकारों से बातचीत में म्योंग जिन ने कहा, "पहले राष्ट्रपति किम इल सुंग के जन्मदिन की 100वीं वर्षगांठ पर होने वाले इस प्रक्षेपण की योजना बहुत पहले बनी थी. हम यह किसी को भड़काने के लिए नहीं कर रहे हैं."
सफेद रंग का रॉकेट करीब 30 मीटर लंबा और ढाई मीटर मोटा है, जिस पर नीले रंग से अक्षर छपे हैं. पत्रकारों को इसके बिल्कुल करीब जाने का भी मौका दिया गया. अधिकारियों ने बताया कि उपग्रह का वजन करीब 100 किलोग्राम है और इसमें पांच एंटीना लगे हैं जिनकी बाहरी दीवार पर सोलर पैनल लगे हैं. इससे बिजली की आपूर्ति होगी. उपग्रह का नाम है क्वांगम्योंगसॉन्ग-2 इसका मतलब है चमकता सितारा. अधिकारियों के मुताबिक यह उपग्रह जंगलों और प्राकृतिक संसाधनों के बारे में जानकारी जुटाएगा. उत्तर कोरिया एक गरीब लेकिन परमाणु हथियारों से लैस मुल्क है.
उत्तर कोरिया का मिशन सफल हुआ तो यह नए नेता किम जोंग उन को देश की सत्ता पर पकड़ मजबूत करने में मददगार होगा. बीते दिसंबर में पिता किम जोंग इल की मौत के बाद देश का शासन उन्हें विरासत में मिला है. रॉकेट लॉन्च के दौरान लाखों लोगों के जश्न मनाने के लिए राजधानी प्योंग्यांग की सड़कों पर उतरने की उम्मीद की जा रही है. हजारों लोग पहले राष्ट्रपति की जन्मभूमि मांगयोंग्दे में जश्न की तैयारी मे जुटे हैं. यह जगह राजधानी से बस थोड़ी ही दूरी पर है.
उत्तर कोरिया कुछ भी कहे रॉकेट प्रक्षेपण ने इलाके उसके आस पास के देशों को सतर्क कर दिया है. यहां तक कि उसका कूटनीतिक मददगार चीन भी सजग है. जापान ने तो मध्य टोक्यो में मिसाइलों की तैनाती करा दी है. प्रधानमंत्री योशिहिको नोदा ने जापान के इलाके में खतरे की सूरत में रॉकेट को मार गिराने के लिए हरी झंडी दे दी है उधर दक्षिण कोरिया ने भी इसी तरह की तैयारी कर रखी है. चीन के विदेश मंत्री यांग जीशी ने दक्षिण कोरियाई और जापानी विदेश मंत्रियों के साथ मुलाकात की और रॉकेट प्रक्षेपण पर चिंता जताई है.
उत्तर कोरिया का कहना है कि अगर रॉकेट अचानक से इधर उधर मुड़ गया तो वह उसे दूर से ही खत्म कर सकता है. उसका दावा है कि यह प्रक्षेपण फरवरी में हुए समझौते को नहीं तोड़ेगा. इस समझौते में उसने परमाणु हथियारों और मिसाइलों के परीक्षण पर फिलहाल रोक लगाने को मंजूरी दी थी, बदले में उसे अमेरिका से करीब ढाई लाख टन खाना मिलने की बात थी. अमेरिका ने फिलहाल खाना भेजना रोक दिया है.
एनआर/ओएसजे(एएफपी)