एक आदमी, 39 पत्नियां, 94 बच्चे, 33 पोते-पोतियां
२० फ़रवरी २०११सुनने में किस्से सी लगने वाली जिंदगी की यह असली कहानी है. मिजोरम के उत्तरी हिस्से में बक्तावंग से लगभग 100 किलोमीटर दूर एक छोटा सा गांव है. इस गांव में जिओना चना नाम के शख्स रहते हैं. चना, चना इसलिए हैं क्योंकि यह उनके कबीले का नाम है. और जिओना इस कबीले के प्रमुख हैं.
चना कबीले में एक से ज्यादा विवाह की परंपरा है. अब एक से ज्यादा का मतलब दो, चार, छह कुछ भी हो सकता है. तो जिओना इसके मतलब को बढ़ाकर 39 तक ले जा चुके हैं. शादी हुई तो बच्चे भी हुए. ज्यादा शादियां हुईं तो बच्चे ज्यादा हो गए. इस तरह बच्चों की तदादा 94 तक पहुंच गई है. फिलहाल इन बच्चों की जितनी शादियां हुईं (कितनी, इसका पता नहीं है), उनसे 33 बच्चे हो चुके हैं. यानी चना के 33 पोते पोतियां.
घर भी बड़ा चाहिए
इतना बड़ा परिवार है और संयुक्त है, तो घर भी बड़ा चाहिए. चना मुखिया जिओना के पास जैसे शादी करने के लिए दिल बड़ा है, वैसे ही पत्नियों को रखने के लिए घर भी काफी बड़ा है. उनके घर में 100 कमरे हैं. चार मंजिल के इस घर का नाम उन्होंने रखा है छुआन थाट रन यानी नई पीढ़ी का आशियाना.
अब यह कहानी सुनकर कुछ व्यवहारिक सवाल मन में उठना लाजमी है. मसलन वे लोग खाना कहां और कैसे खाते हैं? परिवार के लोग रहते भले ही अलग अलग कमरों में हों, लेकिन संयुक्त परिवार की सभी शर्तों को पूरा करते हुए सबका खाना एक ही रसोई में बनता है.
बच्चे भगवान की देन
जिओना अपने इस भरे पूरे परिवार से बेहद खुश हैं. और जो दलील अक्सर हिंदी फिल्मों में सुनने को मिलती है कि बच्चे तो भगवान की देन हैं, उसे जिओना ने पूरे दिल से स्वीकार करते हुए अपने परिवार की जिम्मेदारी भी भगवान पर डाल दी है. वह कहते हैं, "मुझे तो लगता है कि मैं ईश्वर का विशेष बालक हूं. उसने मुझे इतने सारे लोगों की देखभाल का काम सौंपा है. 39 पत्नियों का पति होना और दुनिया के सबसे बड़े परिवार का मुखिया होना मेरे लिए सौभाग्य की बात है."
जिओना चना का संप्रदाय कुम सांग रोरेल यानी एक हजार साल के शासन में विश्वास करता है. कुम सांग रोरेल की बात बाइबल के रेवलेशन में 20वें अध्याय में कही गई है. यानी चना मानते हैं कि वे जल्दी ही यीशू के साथ मिलकर दुनिया पर राज करेंगे.
रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार
संपादनः महेश झा