"एक साल में भूल जाएंगे सारी बात"
८ जनवरी २०१२राष्ट्रपति वुल्फ नए वर्ष का आगाज करते हुए अपने घर पर एक पार्टी की मेजबानी कर रहे थे जब उनके मुंह से यह बात निकल गई कि, "एक साल में लोग सारी बाते भूल जाएंगे." लेकिन बिल्ड आम जोनटाग अखबार में छपने के बाद उनका यह बयान अमर हो गया है. इस बयान के चलते अब उनकी खासी किरकिरी हो रही है.
लोहे की बारिश, गाएंगे गीत
अखबार में लिखा है कि एक वरिष्ठ अधिकारी से पार्टी में बात कर रहे वुल्फ को "पक्का विश्वास था कि एक साल में यह लोहे की बारिश थम जाएगी," जनता इस पूरे विवाद को भूल जाएगी और 2015 तक वह अपने पद पर बने रहेंगे, देश के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाते रहेंगे. आखिरकार, अगर उन्हें पद से इस्तीफा देना पड़े तो दोबारा राष्ट्रपति चुनावों का एलान करना पड़ेगा और पूर्व राष्ट्रपति होर्स्ट कोएलर के जाने के बाद, वुल्फ इस झंझट से खुद भी और देश को भी बचाना चाहते हैं.
राष्ट्रपति के दफ्तर से इस बारे में अब तक तो कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है और चांसलर मैर्केल का गठबंधन भी उनके पक्ष में है. लेकिन विपक्षी सोशल डेमोक्रैट्स पार्टी ने साफ लफ्जों में कह दिया है कि वुल्फ इस सब के बाद अपने पद पर टिके नहीं रह सकते. हालांकि वुल्फ के रवैये से लग रहा है कि वह इन हालात में भी बतौर राष्ट्रपति अपना भविष्य को सुरक्षित देख रहे है. बिल्ड आम जोनटाग ने लिखा है कि वुल्फ 23 फरवरी को त्स्विकाउ में नवनाजी गुट के हमलों से पीड़ित लोगों के परिवारों से मुलाकात करेंगे. इस खास अवसर के लिए उन्होंने एक गीत का भी आयोजन किया है, जिसका संगीत जाने माने संगीतकार श्टेफान जुल्के लिख रहे हैं.
'फिल्मों वाली कहानी'
राष्ट्रपति के संस्कृति से लगाव और इन मुश्किल हालात में उनके अटपटे रवैये को देखते हुए जर्मन फिल्म जगत भी उनमें दिलचस्पी ले रहा है. निर्देशक डीटर वेडेल का कहना है, "यह कमाल की कहानी है, जो हमारे वर्तमान के बारे में बताती है, एक लगभग दुखद कहानी." वेडेल का कहना है कि वुल्फ के इस मामले में बहुत सारी बातों का विश्लेषण हो सकता है, मिसाल के तौर पर, उन्होंने अपने प्रेस प्रवक्ता को नौकरी से निकाल दिया. वेडेल पूछते हैं, "क्या प्रवक्ता को इसमें कोई खतरा नहीं नजर आया? क्या उसने वुल्फ को गलत सलाह दी और उसके और राष्ट्रपति वुल्फ के बीच क्या बात हुई."
जर्मनी में राष्ट्रपति पद एक औपचारिक पद है जिसमें राजनीतिक उत्तरदायित्व तो कम हैं लेकिन राष्ट्रपति देश के लिए एक मार्गदर्शक का काम करते हैं. वुल्फ के बारे में आपत्तिजनक जानकारी से जर्मन जनता निराश है. 12 दिसंबर को वुल्फ के बारे में यह बात निकली कि उन्होंने एक अखबार को अपने खिलाफ खबरें छापने से रोका. उसके बाद बात उनके निजी कर्ज पर आई और पिछले हफ्ते उनकी पूर्व कंपनी फोल्क्सवागेन ने उनके साथ कंपनी के कुछ निदेशकों पर लापरवाही का मुकदमा ठोकने का फैसला लिया.
शनिवार को बर्लिन में हजारों प्रदर्शकों ने राष्ट्रपति आवास के बाहर जूते दिखाते हुए वुल्फ का विरोध किया. इन समीकरणों से लगता है कि एक तरफ वुल्फ हैं तो दूसरी तरफ विरोध के सुर और तीसरी तरफ दांव पर लगा उनका राष्ट्रपति पद है.
रिपोर्टः एएफपी, डीपीए/एमजी
संपादनः ओ सिंह