एक्सरसाइज पर भारी पड़ा योग
२५ अक्टूबर २०१०आईआईएम अहमदाबाद की पत्रिका विकल्प में छपा यह लेख एक निजी कंपनी के 84 अधिकारियों पर किए गए शोध आधारित है. शोध में ग्रासिम इंडस्ट्रीज के 84 अधिकारियों दो समूहों में बांटा गया. 42 एक तरफ, 42 दूसरी तरफ. एक ग्रुप को रोज 75 मिनट योग कराया गया. दूसरे ग्रुप को प्रतिदिन मशीनी और दूसरी तरह के शारीरिक व्यायाम कराए गए.
शोध से पहले सभी प्रतिभागियों का ब्लड प्रेशर, शुगर और बॉडी मास इंडेक्स नापा गया. महीने भर तक चले प्रयोग के बाद आए नतीजों में योग हर तरह से व्यायाम पर भारी पड़ा. गुजरात के शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव हंसमुख अधिया कहते हैं, ''योग करने वाले समूह के तनाव का स्तर काफी गिर चुका था जबकि शारीरिक व्यायाम करने वालों के तनाव का स्तर बढ़ा. दफ्तर में उनकी मानसिक स्थिति पहले से ज्यादा तनावपूर्ण हो गई.''
शोध के मुताबिक बीमारियों की जड़ अक्सर दफ्तर से शुरू होती है. ऑफिस के तनाव का मानसिक और शारीरिक व्यवहार पर नकारात्मक असर पड़ता है. धीरे धीरे इसकी वजह से जीवनशैली बदलने लगती है और ब्लड प्रेशर, डिप्रेशन और शुगर जैसी बीमारियां होने लगती हैं.
विकल्प के मुताबिक तनाव संबंधी बीमारियों के चलते हर साल अमेरिकियों को 300 अरब डॉलर इलाज पर खर्चने पड़ते हैं. भारत के दफ्तरों में काम का तनाव कुछ कम नहीं है. योग से दफ्तर के तनाव को जोड़कर किया गया यह पहला शोध है. आईआईएम अहमदाबाद ने भारत के कॉरपोरेट जगत को सलाह दी है कि पैसे की खनखनाहट के बीच उन्हें योग की शांति में भी जाना चाहिए.
रिपोर्ट: पीटीआई/ओ सिंह
संपादन: वी कुमार