एटीपी वर्ल्ड टूर जीतने के बाद गरजे फेडरर
२८ नवम्बर २०११रोजर फेडरर ने यह खिताब ऐसे वक्त में जीता है जब यह चर्चा बहुत प्रबल हो गई थी कि उनका खेल खत्म हो चुका है. रविवार को लंदन में विम्बलडन के कोर्ट पर स्विस खिलाड़ी ने रिकॉर्ड छठी बार एटीपी वर्ल्ड टूर का फाइनल जीता. 30 साल के फेडरर का सामना जो विल्फ्रीड सोंगा से हुआ. सोंगा ने कड़ी टक्कर दी लेकिन फेडरर से पार नहीं पा सके. स्विस खिलाड़ी को 6-3, 6-7 (6/8), 6-3 से जीत मिली.
16 ग्रैंड स्लैम जीतने वाले और पांच साल तक लगातार एटीपी रैंकिंग में नंबर वन रहे फेडरर जनवरी 2010 के बाद जादुई प्रदर्शन दिखाने में नाकाम रहे हैं. दो साल पहले उन्होंने ऑस्ट्रेलियन ओपन जीता था, उसके बाद से वह कोई ग्रैंड स्लैम नहीं जीत पाए. लेकिन रविवार की जीत से उनका आत्मविश्वास लौटा है. फेडरर ने कहा, "मुझे लगता है कि बीते कुछ हफ्तों में मेरा खेल शानदार रहा है. यह अगले साल के लिए मुझमें आत्मविश्वास भर रहा है."
फेडरर अब तक 100 खिताबी फाइनल खेल चुके हैं, जिनमें से 70 में उनकी जीत हुई. एटीपी वर्ल्ड टूर की जीत से खुश हैं लेकिन दिल में ग्रैंड स्लैम न जीत पाने का मलाल भी है, "इस मैच के आखिरी लम्हे मेरे लिए पूरे करियर का सबसे कठिन पल थे. मुझे इस पर गर्व है. मैं अगले साल का इंतजार कर रहा हूं. इसमें कोई शक नहीं कि ग्रैंड स्लैम जीतना अच्छा होता. इस साल में कुछ मौकों पर चूक गया, कुछ मौके बीते साल भी हाथ से निकल गए. मुझे लगता है कि ग्रैंड स्लैम मेरे आस पास ही के ही किसी कोने में है."
2003 से 2007 तक टेनिस कोर्ट पर राज करने वाले फेडरर बीते तीन साल से कड़े प्रतिद्वंद्वियों का सामना कर रहे हैं. पहले उन्हें स्पेन के रफायल नडाल ने चुनौती दी. नडाल ने फेडरर का सिंहासन भी हिलाया और उनसे विम्बलडन और ऑस्ट्रेलियन ओपन से खिताब भी छीन लिए. अब नोवाक जोकोविच जैसे खिलाड़ी शीर्ष पर हैं.
बहरहाल रविवार को लंदन के जिस कोर्ट में फेडरर ने एटीपी वर्ल्ड टूर का फाइनल जीता है, उसी में वह छह बार विम्बलडन जीत चुके हैं. अगले साल लंदन ओलंपिक में भी टेनिस के गोल्ड मेडल का मुकाबला इसी कोर्ट पर होगा. ऐसे में फेडरर एक बार स्वर्ण पदक के प्रमुख दावेदार होंगे.
रिपोर्ट: एएफपी/ओ सिंह
संपादन: ए जमाल