एम टीवीः हिप मनोरंजन के 30 साल
१ अगस्त २०११एमटीवी यानी म्यूजिक टीवी का इरादा था रेडियो की तरह टीवी पर चौबीसों घंटे गाने बजाना. इस चैनल ने टीवी को एक नया चेहरा दिया, वैसा जैसा हम आज जानते हैं. रिएलिटी शो का चलन भी एम टीवी ने ही शुरू किया.
1981 में
भारत के लिए एम टीवी उतना पुराना नहीं है, जितना पश्चिमी जगत के लिए. 1 अगस्त 1981 में जब एमटीवी की शुरुआत हुई तब भारत में केबल टीवी तो क्या राष्ट्रीय प्रसारण भी शुरू नहीं हुआ था. एमटीवी ने न्यूयॉर्क से उस समय शुरुआत की जब भारत में केवल सात शहरों में दूरदर्शन का स्थानीय प्रसारण हुआ करता था. ना ही तब भारत में रंगीन टीवी था और ना ही महाभारत या रामायण जैसे धारावाहिक शुरू हुए थे, जिन्हें भारत में टीवी के शुरू होने की पहचान के तौर पर देखा जाता है. जाहिर है उस समय दुनिया बहुत अलग थी, पूर्व और पश्चिम एक दूसरे से बेहद जुदा थे.
इस अंतर को खत्म करने का श्रेय काफी हद तक एमटीवी को जाता है. 1996 में जब 'एमटीवी इंडिया' के नाम से यह म्यूजिक चैनल भारत पहुंचा तब तक उसे लोगों का मनोरंजन करते हुए पंद्रह साल हो चुके थे. एमटीवी जानता था कि लोगों की पसंद क्या है, इसलिए भारत में उसे लोकप्रिय होने में ज्यादा समय नहीं लगा.लेकिन भारत उस समय पश्चिमी देशों से बहुत अलग था, इसलिए अमेरिका वाले शो यहां नहीं चल सकते थे. एमटीवी को यह बात पता थी, इसीलिए 'एमटीवी इंडिया' के बैनर में नए कार्यक्रम बनाए गए.
वीडियो जोकी का चलन
एमटीवी ने एक नए शब्द को भी जन्म दिया - वीजे, यानी वीडियो जोकी. रेडियो जोकी की तरह इस इंसान को भी मेजबान का काम ही करना था, लेकिन इसके लिए संगीत की जानकारी होना जरूरी था. आज इतने सालों बाद वक्त के साथ साथ एमटीवी का यह अंदाज भी कुछ बदल सा गया है. अब केवल 'सेक्स अपील' के नाम पर लोग वीजे बन जाते हैं. भारत में इस चैनल ने ही युवा लोगों को एक नए ऐटिट्यूड की पहचान करवाई. अजीबो गरीब मेसेज वाली टी-शर्ट और फटी हुई बेरंग जीन्स, बिखरे हुए बाल, रंग बिरंगे चश्मे - ये सब इन वीजे की पहचान बन गए और कॉलेज के लड़के लड़कियों ने भी इनकी देखा देखी नकल शुरू कर दी. सायरस ब्रोचा और निखिल चिनप्पा जैसे लोगों को हमेशा एमटीवी से जोड़ कर ही देखा जाएगा. आज कल रीएलिटी शो जीतने वाले नौजवानों को भी यह चांस मिलता तो है, संगीत और स्टाइल के बारे में जानकारी हो न हो खुद को टीवी पर देख कर बहुत बड़ा स्टार जरूर समझने लगते हैं.
मस्ती की पाठशाला
संगीत के साथ साथ मस्ती भी एमटीवी का एक बड़ा हिस्सा रहा है. वैसे अश्लीलता और अभद्र भाषा को भी एमटीवी ने खूब बढ़ावा दिया. भारत में एमटीवी रोडीज को गाली गलौच और लड़ाई झगड़े के लिए जाना जाता है, तो स्ल्पिट्स विला को लड़कियों के छोटे कपड़े और अलग अलग लड़कों के साथ डेट पर जाने के लिए.
कई बार एम टीवी पर किए गए मजाक हद से बाहर भी चले गए. 11 सितंबर को ट्विन टावर्स पर हुए हमले के अगले दिन एमटीवी के एक वीजे रसल ब्रैंड ने मजाक में ओसामा बिन लादेन का लिबास पहन कर शो होस्ट किया. लोगों इस पर इतने नाराज हुए कि ब्रैंड को एमटीवी छोड़ना पड़ा. जेनेट जैक्सन का वार्डरोब मालफंक्शन भी एम टीवी पर ही देखा गया जब जस्टिन टिम्बर लेक ने एमटीवी के एक शो के दौरान स्टेज पर जेनेट की ओर हाथ बढाया और उनका आउटफिट ही निकल आया. वहीं सायरस ब्रोचा के एमटीवी बकरा को हमेशा साफ सुथरे मजाक के लिए ही जाना गया है. इस शो की लोकप्रियता इतनी है कि बंद होने के इतने सालों बाद इस साल एक बार फिर सायरस के साथ इसे शुरू किया गया.
रिपेर्टः ईशा भाटिया
संपादनः आभा एम