एलियन से बातचीत या कैंसर का टीका
१ दिसम्बर २०१०दुनिया के सबसे पुराने विज्ञान संस्थान के किए सर्वे में लोगों की राय खुल कर सामने आई. ब्रिटेन की रॉयल सोसाइटी के 350 साल पूरे होने पर हुए सर्वे का जवाब देने वाले 66 फीसदी लोगों ने कहा है कि विज्ञान की सबसे बड़ी प्राथमिकता रोग और उनकी रोकथाम के उपाय खोजना होनी चाहिए. 53 फीसदी लोग चाहते है कि विज्ञान उनकी आयु बढ़ाने में मदद करे.
रॉयल सोसाइटी के अध्यक्ष मार्टिन रीस ने कहा कि विज्ञान में हुई तरक्की के कारण आज के दौर के लोगों का जीवन जब 1660 में रॉयल सोसाइटी की स्थापना हुई तब के लोगों के जीवन से काफी अलग है. उस वक्त आधुनिक विज्ञान अभी पैदा ही हुआ था. मार्टिन रीस ने अपने बयान में कहा,"विज्ञान एक लगातार चलने वाली खोज है जिसके दम पर पिछले 350 सालों में हमने कैंसर और पर्यावरण में बदलाव से लड़ने का तरीका खोज लिया और यहां तक कि इस धरती से परे जीवन के बारे में भी पता लगाया." रीस ने ये भी कहा कि रॉयल सोसाइटी के 350वीं वर्षगांठ मनाने का इससे अच्छा तरीका और क्या होगा कि भविष्य के विज्ञान के बारे में सोचा जाए जिसकी नींव आज के दौर में होने वाले रिसर्च पर पड़ेगी.
नए टीकों की खोज के बारे में कैंसर के बाद लोगों की दिलचस्पी एड्स में है. सर्वे में जवाब देने वाले लोगों में से 60 फीसदी ने एड्स के टीका खोजने पर बल दिया है जबकि 37 फीसदी लोग मलेरिया का टीका चाहते हैं.
ब्रिटेन में रहने वाले आधे लोग मानते हैं कि एलियंस का अस्तित्व है और एक तिहाई लोग मानते हैं कि वैज्ञानिकों को उनसे संपर्क करने की कोशिश करनी चाहिए. जवाब देने वाले पुरुषों में तो 46 फीसदी ऐसे हैं जो वैज्ञानिकों को एलियंस से बात करते देखना चाहते हैं. वैसे अंतरिक्ष में वैज्ञानिकों के भटकने को विज्ञान की पहली प्राथमिकता मानने के लिए बस 10 फीसदी लोग ही तैयार हैं.
स्वास्थ्य से जुड़े मसलों में लोगों की प्राथमिकता में दूसरी चीज पर्यावरण में बदलाव है. सर्वे में शामिल हर तीसरे शख्स ने इसे जरूरी बताया. अगर 18-24 साल की उम्र के लोगों को देखें तो 44 फीसदी लोग पर्यावरण में बदलाव को सबसे जरूरी मानते हैं. नतीजे से साफ है कि युवाओं की दिलचस्पी पर्यावरण में ज्यादा है.
संस्था के 350 साल पूरे होने पर रॉयल सोसाइटी साइंस सीज फर्दर नाम से एक रिपोर्ट छापी है जिसमें आज के दौर की चुनौतियां और भविष्य का विज्ञान कैसा होगा इस पर चर्चा की गई है. क्या हम ब्रह्मांड में अकेले हैं, धरती के संसाधनों की बढ़ती मांग कैसे पूरी हो सकती है और क्या विज्ञान नई वैक्सीनों के जरिए लाखों लोगों की जान बचा सकता है इन विषयों पर रिपोर्ट के अलग अलग अध्याओं में चर्चा की गई है. रिपोर्ट मंगलवार को जारी की गई.
रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन
संपादनः एस गौड़