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तलाक के डर से प्लास्टिक सर्जरी

२५ नवम्बर २०१०

कोई अपने उभरे पेट को दबाने में लगा है तो कोई ढीले पड़े सीने को सुडौल बनाने में, किसी के चेहरे की झुर्रियां हटाई जा रही है तो कोई जांघो से अतिरिक्त चर्बी निकलवा रहा है. ये सब इस डर से कि कहीं पति तलाक न दे दे.

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तस्वीर: AP

मिस्र की महिलाएं पुरुषों को खुश करने के लिए जिस्म के हर हिस्से को सुंदर और सुडौल बनाने में जुटी हैं. इसके लिए कर्ज, दान और खून बेचने तक से भी परहेज नहीं. अमीरों का शौक इन गरीबों की जरूरत बन गया है क्योंकि सालों से तय रिश्ते भी शादी तक नहीं पहुंच पा रहे हैं. पुरानी सगाइयों और शादियों के भी टूटने की नौबत आ रही है. यही एक जरिया बचा है जिससे महिलाएं अपने जीवनसाथी के दिल में प्यार और अपना सम्मान वापस पा सकती हैं.

Bildgalerie Schönheitschirurgie in China
तस्वीर: AP

महिलाओं की बेहद कम साक्षरता वाले मिस्र में परिवार के लिए रोटी कमाने की जिम्मेदारी मुख्य रुप से पुरुषों पर ही है. ऐसे में महिलाओं के सामने खुश रहने का अकेला रास्ता यही है कि पुरुषों को खुश रखा जाए. अब मारवा को ही देखिए. 22 साल और 136 किलो की मारवा की चार साल पुरानी सगाई टूट गई और शादी का कोई नया प्रस्ताव नहीं आया, तो उसने प्लास्टिक सर्जरी कराने की सोची. डॉक्टरों ने उसकी जांघों से करीब 12 लीटर अतिरिक्त चर्बी बाहर निकाली. मारवा ने अपनी बचत और दोस्तों से कर्ज लेकर डॉक्टर की फीस चुकाई. सर्जरी के कुछ ही दिनों बाद उसके पास शादी का प्रस्ताव आ गया. मारवा की मुराद पूरी हो गई. हालांकि उसे यह डर भी है कि कहीं उसके होने वाले पति को प्लास्टिक सर्जरी की बात पता न चल जाए.

ऐसा नहीं है कि गरीब और बेरोजगार महिलाएं ही प्लास्टिक सर्जरी करवा रही हैं, कामकाजी औरतों में भी इसका क्रेज कुछ कम नहीं है. मिस्र के बड़े कॉस्मेटिक सर्जन कहते हैं कि अच्छी सर्जरी लोगों का आत्मविश्वास बढ़ाती है पर गरीबों के लिए तो यह अस्तित्व और अस्मिता बचाए रखने की जरूरत बन गई है. रही खर्चे की बात, तो कई अस्पताल बदले में उनके जिस्म से कुछ खून ले कर उनकी सर्जरी कर देते हैं तो कई समाजसेवी संगठन भी सामने आ गए हैं जो गरीब महिलाओं की सर्जरी का खर्च उठा रहे हैं. इसके अलावा दोस्तों से कर्ज और परिवार की मदद का सहारा तो है ही. इसके अलावा कुछ डॉक्टर ऐसे भी हैं जो जरूरतमंद लोगों की सर्जरी की फीस नहीं लेते.

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तस्वीर: AP

लोगों की बढ़ती दिलचस्पी देख बाजार में कुछ सस्ते और गैर लाइसेंसी सर्जरी क्लिनिक भी खुल गए हैं. यहां सर्जरी कराना जोखिम भरा है लेकिन फिर भी लोग यहां पहुंच रहे हैं. पिछले कुछ महीनों में ऐसी जगह सर्जरी कराने वालों की त्वचा के जलने या नाक के बेडौल होने और के साथ ही नसों को नुकसान पहुंचने की कुछ घटनाएं भी सामने आ चुकी हैं. कुछ दिन पहले सरकार ने ऐसे बहुत सारे क्लिनिक बंद करवा दिए लेकिन ये दोबारा चालू हो गए. वैसे बड़े क्लिनिक में भी सर्जरी का खर्च दूसरे देशों के मुकाबले कम है. बोटॉक्स के जरिए झुर्रियां हटाने पर दूसरे देशों में करीब 900 अमेरिकी डॉलर लगते हैं. ये काम यहां महज 278 डॉलर में ही हो जाता है. इसी तरह से बाकी सर्जरी के खर्चों में भी काफी अंतर है.

मिस्र में सर्जरी के लिए आसपास के देशों से आने वाले लोगों की तादाद भी अच्छी खासी है. इसके अलावा बाहर से आने वाले लोगों की बड़ी संख्या के पीछे एक वजह यह भी है कि वे आसानी से अपनी पहचान छुपा लेते हैं और उनके देश के लोगों को पता नहीं चल पाता कि उन्होंने प्लास्टिक सर्जरी कराई है.

रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन

संपादनः ए कुमार

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