ओलंपिक में पहली बार महिला थामेगी रूस का झंडा
११ जुलाई २०१२रूस की ओलंपिक समिति ने मारिया शारापोवा को पहले ही यह सूचना दे दी थी. मारिया ने भी इसे राज ही रखा. मंगलवार को रूसी ओलंपिक समिति ने आधिकारिक रूप से इसका एलान किया. मॉस्को में रशियन ओलंपिक कमेटी के अध्यक्ष अलेक्जेंडर जुकोव ने कहा, "शारापोवा हमारा ध्वज लेकर चलेंगी."
एलान के बाद 25 साल की शारापोवा ने कहा, "बीते दो हफ्तों से यह बात छुपाने की कोशिश कर रही थी. राज छुपाये रखना में मैं बहुत अच्छी नहीं हूं."
रूस के खिलाड़ियों ने पहली बार 1952 में हेल्सिंकी ओलंपिक खेलों में हिस्सा लिया था. तब से यह परम्परा सी बन गई थी कि सोवियत संघ हमेशा मशहूर पुरुष खिलाड़ियों के हाथ में झंडा थमाता था. यह पहला मौका है जब एक महिला रूसी दल की अगुवाई करेगी. शारापोवा ने कहा, "मैं बहुत सम्मानित महसूस कर रही हूं. खासतौर से यह मेरे करियर का पहला ओलंपिक है."
शारापोवा 2004 में ओलंपिक के लिए क्वालिफाई नहीं कर सकी थीं. कंधे की चोट की वजह से वह 2008 के बीजिंग ओलंपिक में हिस्सा नहीं ले सकी थीं. विम्बलडन 2004, यूएस ओपन 2006, ऑस्ट्रेलियन ओपन 2008 और फ्रेंच ओपन 2012 जीतने वाली शारापोवा इस वक्त दुनिया की तीसरे नंबर की टेनिस खिलाड़ी हैं.
ओएसजे/आईबी (रॉयटर्स)