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कम सूचना दे रहा है जापान: आईएईए

२३ मार्च २०११

बुधवार सुबह जापान के संकट ग्रस्त उत्तर पूर्व में फिर भूकंप का झटका महसूस किया गया. इसकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 6 नापी गई. उधर अंतरराष्ट्रीय परमाणु एजेंसी ने जापान से सूचना की कमी की शिकायत की है.

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तस्वीर: AP

संयुक्त राष्ट्र के अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा संगठन आईएईए के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि फुकुशिमा दायची प्लांट से अब भी रेडिओएक्टिव विकिरण निकल रहे हैं. साथ ही आईएईए ने इस बात पर भी चिंता जताई कि जापान के अधिकारियों से सूचना नहीं मिल रही है. आईएईए के वरिष्ठ अधिकारी जेम्स ल्योन्स ने कहा, "हमें यहां विकिरण मिला है. सवाल यह है कि यह हो कहां से रहा है." फुकुशिमा दायची परमाणु संयंत्र में गंभीर दुर्घटना से बचने के लिए इंजीनियर लगातार इन संयंत्रों को ठंडा करने में जुटे हुए हैं. वहीं टोक्यो इलेक्ट्रिक पॉवर कंपनी (टेप्को) ने कहा है कि संयंत्रों को स्थिर करने के लिए उन्हें और समय चाहिए.

आईएईए के ग्रैहम एन्ड्र्यू ने कहा कि कुल मिला कर स्थिति 'बहुत गंभीर' बनी हुई है और जापानी अधिकारियों ने फुकुशिमा प्लांट के बारे में कुछ जानकारियां हमें नहीं दी. "हमें काफी समय समय तक यूनिट वन के बारे में जानकारी नहीं मिली. इसलिए हम चिंतित हैं क्योंकि वहां की असलियत के बारे में हमारे पास कोई सूचना नहीं."

आईएईए ने बताया कि उनके पास रिएक्टरों में तापमान के बारे में भी कम जानकारी है. उन्हें 1,2, 3 और चार में से किसी भी एक यूनिट के बारे में पता नहीं है हालांकि जापान दूसरी सूचनाएं भेज रहा है.

Flash-Galerie Japan Erdbeben Atomkrise Evakuierung Fukushima 16.02.2011
कम नहीं हुआ विकिरणतस्वीर: AP

स्थानीय मीडिया ने मंगलवार को खबर दी कि एक कंट्रोल रूम में बिजली बहाल हो गई है. जिससे प्लांट को ठंडा करने में थोड़ी मदद मिलेगी. इससे पहले नंबर 2 और 3 से धुआं और भाप निकलने की खबरें थीं.

फिलहाल यह सवाल भी उठाए जा रहे हैं कि टेप्को के अधिकारियों ने परमाणु संयंत्र को ठंडा करने के लिए समुद्री पानी के इस्तेमाल में बहुत देर की क्योंकि वह परमाणु ऊर्जा संयंत्रों को आगे भी इस्तेमाल करना चाहते थे और पानी डालने के बाद यह संभव नहीं हो सकता था.

उधर जापान में सब्जियों, दूध और पानी में रेडिओएक्टिव विकरण के प्रदूषण की लगातार खबरें आ रही हैं. फुकुशिमा के पांच जिलों में चेतावनी जारी की गई है कि लोग बच्चों के दूध पाउडर में नल का पानी नहीं मिलाएं. क्योंकि पानी में बच्चों के लिए हानिकारक मात्रा में विकिरण पाया गया है.

रिपोर्टः एजेंसियां/आभा एम

संपादनः ओ सिंह

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