जापानः दूध, सब्जियां विकिरण से प्रभावित
२२ मार्च २०११11 मार्च को भूकंप के बाद आई सूनामी के कारण जापान के उत्तर पूर्वी हिस्सों में मरने वालों या लापता लोगों की संख्या 21 हजार बताई जा रही है. वहीं टोक्यो और उत्तर पूर्वी शहरों के लोग खाद्य पदार्थों में रेडिओएक्टिव विकिरण मिलने से परेशान और घबराए हुए हैं.
वहीं इंजीनियरों ने फुकुशिमा दायची परमाणु संयंत्र के सभी छह रिएक्टरों को मुख्य पॉवर ग्रिड से जोड़ दिया है और एक रिएक्टर में परमाणु ईंधन वाली छड़ों को ठंडा करने के लिए पंप भी शुरू कर दिया गया है. प्रधानमंत्री नाओतो कान के हवाले से एक अधिकारी ने बताया कि हमें संकट से बाहर निकलने के लिए एक रोशनी दिखाई दे रही है.
विकिरण से चिंता
लेकिन जापान में रेडिओएक्टिव विकिरण से प्रभावित खाद्य पदार्थ मिलने के कारण चिंता पैदा हो गई है. सब्जियों, पानी, दूध में विकिरण की मात्रा नापी गई है. हालांकि अधिकारियों ने कहा है कि यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक नहीं है. क्योदो समाचार एजेंसी के मुताबिक प्रशांत में पाए गए रेडिओएक्टव आयोडिन की मात्रा सामान्य स्तर से 126.7 गुना ज्यादा है जबकि केइसियम 24.8 गुना ज्यादा है. सामान्य तौर पर जापान में हर साल एक से दस मिलीसीवर्ट विकिरण लोगों के शरीर में हवा और मिट्टी के जरिए जाती है.
सरकार ने फुकुशिमा के आसपास वाले इलाकों में लोगों को नल का पानी पीने के लिए मना किया है क्योंकि इसमें रेडिओएक्टिव आयोडिन की बहुत ज्यादा मात्रा पाई गई. साथ ही दूध, पालक और अन्य स्थानीय सब्जियों को भी बाजार में आने से रोका जा रहा है.
ब्रिटेन के परमाणु मामलों के जानकार लॉरेन्स विलियम्स का कहना है, "विकिरण का असर आपके शरीर पर हो इसके लिए आपको काफी ज्यादा मात्रा में रेडिओएक्टिव विकिरण वाले पदार्थ खाना या पीना होगा. हम रेडिओएक्टिव दुनिया में जी रहे हैं. हमें जमीन, खाद्य पदार्थों, सबसे रेडिएशन मिलता हैं. सरकार और परमाणु उद्योग को कोशिश करनी चाहिए कि लोगों को इस बारे में ज्यादा जानकारी दें."
गंभीर होता मामला
विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि जितना सोचा था उसकी तुलना में रेडिएशन का प्रभाव लगातार गंभीर होता जा रहा है. शुरुआती आंकड़ों के मुताबिक विकिरण का प्रभाव सिर्फ 20-30 किलोमीटर के ही इलाके में आंका गया. वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन के क्षेत्रीय प्रवक्ता पीटर कोर्डिंगले ने कहा है कि जापान से रेडिओएक्टिव खाद्य पदार्थों का निर्यात नहीं किया गया है. वैसे तो जापान अधिकतर खाद्य पदार्थों का आयात ही करता है लेकिन फलों, सब्जियों, डेयरी उत्पादों और सी फूड का बड़ा निर्यातक है, खासकर हॉंगकॉंग, चीन और अमेरिका में.
चीन ने कहा है कि वह जापान से आ रहे खाद्य पदार्थों की जांच कर रहा है. वहीं चीन ने एक ऐसे व्यक्ति को भी 10 जेल की सजा दी जो प्रदूषित मछलियों को नहीं खाने की सलाह लोगों को दे रहा था. चीन की सरकारी मीडिया ने बताया कि एक कंप्यूटर कंपनी में काम करने वाले एक व्यक्ति को 500 युआन की सजा दी गई है और उसने अपनी गलती स्वीकार भी कर ली है. दक्षिण कोरिया ने जापान से आ रहे पदार्थों की जांच कड़ी कर दी है.
मंगलवार सुबह मृतकों की अधिकारिक संख्या 8,805 बताई गई जबकि अब भी 12,654 लोग लापता हैं. पुलिस ने बताया कि मियागी में ही 15 हजार लोगों के मारे जाने की आशंका है. साढ़े तीन लाख लोग बेघरबार हैं और भरे हुए अस्थाई शिविरों में रह रहे हैं.
भूंकप के कारण अस्थिर हुई जापान की अर्थव्यवस्था को स्थिर करने के लिए बैंक ऑफ जापान ने 24.67 अरब येन बाजार में डाले हैं.
रिपोर्टः एजेंसियां/आभा एम
संपादनः महेश झा