कराची में आतंकियों के खिलाफ सैन्य कार्रवाई खत्म
२३ मई २०११रॉयटर्स समाचार एजेंसी ने पाकिस्तान के सुरक्षा अधिकारी के हवाले से लिखा है, "ऑपरेशन खत्म हो गया है. मुख्य इमारत पर सेना ने फिर से कब्जा कर लिया है. एहतियात के लिए हम तलाशी ले रहे हैं कि वहां कोई आतंकी नहीं हों. लेकिन मुख्य अभियान खत्म हो गया है."
कराची के पीएनएस मेहरान बेस पर कई धमाके सुने गए और हेलिकॉप्टर उस इलाके पर रात भर चक्कर लगाते रहे. 16 घंटे तक 20 तालिबानी आतंकियों ने नौसेना के एयर बेस पर बंदूकों, ग्रेनेड्स से आतंक मचाए रखा और एक विमान को बम से उड़ा दिया. पाकिस्तान के गृह मंत्री रहमान मलिक ने पत्रकारों को बताया, "एक बड़ा हिस्सा खाली हो गया है."
इस हमले के कारण पाकिस्तानी सेना की क्षमता पर एक बार फिर सवाल खड़ा हो गया है. 2009 में रावलपिंडी के सैन्य मुख्यालय पर हमले और 2 मई को एबटाबाद अमेरिकी सैन्य कार्रवाई में बिन लादेन की मौत के बाद पाकिस्तान के लिए यह आतंकी हमला एक बड़ा झटका है.
अल कायदा के सहयोगी संगठन पाकिस्तानी तालिबान ने कहा है कि यह हमला अल कायदा के सरगना ओसामा बिन लादेन की मौत का बदला लेने के लिए किया गया. तालिबान के प्रवक्ता एहसानुल्ला एहसान ने कहा, "यह एक सबूत है कि हम अब भी एक हैं और ताकतवर हैं."
कराची के नौसेना ठिकाने पर हुए हमले में 12 सैनिक मारे गए और 14 घायल हुए हैं. आतंकियों ने रविवार रात साढ़े दस बजे यह हमला किया.
एक सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि आतंकियों ने नौसेना के एयर बेस पर एक इमारत को अपने कब्जे में ले लिया था. और हो सकता है कि किसी आतंकी ने आत्मघाती जैकेट पहन रखा हो. पाकिस्तान के मसरूर एयर बेस से मेहरान सिर्फ 24 किलोमीटर दूर है. मसरूर एयर बेस पाकिस्तान का सबसे बड़ा सैन्य डिपो है और वहां परमाणु हथियारों रखे जा सकते हैं.
नौसेना के प्रवक्ता कमांडर सलमान अली ने बताया, आतंकियों के पास बंदूकें, आरपीजी ग्रेनेड थे. उन्होंने रॉकेट से चलाए जाने वाले ग्रेनेड से एक विमान पर हमला किया. अमेरिका का दिया हुआ मैरिटाइम पेट्रोल कैरियर आतंकियों ने उड़ा दिया और दूसरा विमान क्षतिग्रस्त हुआ है. मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक हमलावर सीवर पाइप से आए लेकिन इस खबर की पुष्टि नहीं हुआ है.
रिपोर्टः एजेंसियां/आभा एम
संपादनः एस गौड़