कराची में जारी हिंसा का नंगा नाच, 85 मरे
९ जुलाई २०११पाकिस्तान की आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले कराची शहर में आम जिंदगी थम सी गई है. लगातार जारी मौतों के सिलसिले के कारण आम लोगों में दशहत है. दुकानें और पेट्रोल पंप बंद हैं. शहर में सार्वजनिक परिवहन भी रेंगता दिखा. शुक्रवार को शहर की सबसे बड़ी पार्टी मुत्तेहिदा कौमी मूवमेंट (एमक्यूएम) ने शहर में टारगेट किलिंग के विरोध में रैली की.
पाकिस्तान के गृह मंत्री रहमान मलिक ने कहा, "80 से 85 लोग शहीद हो गए हैं जिसमें से ज्यादातर निर्दोष लोग हैं. इनमें राजनीतिक पार्टियों से जुड़े लोगों की तादाद बहुत ही कम है." उन्होंने बताया कि गुरुवार रात से हिंसा में शामिल 85 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. शुक्रवार को एक पुलिस सूत्र ने बताया कि पिछले 24 घंटे में 18 लोग मारे गए हैं. प्रांतीय सूचना मंत्री शरजील मेमन ने कहा, "हमने सुरक्षा बलों को निर्देश दिए हैं कि हिंसा में शामिल लोगों को देखते ही गोली मार दी जाए. पुलिस और रैंजर्स के अलावा फ्रंटिरयर कांस्टेबलरी के एक हजार जवानों को शहर में तैनात किया जाएगा ताकि हिंसा को काबू किया जा सके. सिर्फ कल ही 37 लोग मारे गए."
पौने दो करोड़ की आबादी वाले कराची शहर में जातीय, धार्मिक और सांप्रदायिक हिंसा का लंबा इतिहास रहा है. खास तौर से निशाना बना कर की जाने वाली इन हत्याओं के लिए मुत्तेहिदा कौमी मूवमेंट (एक्यूएम) और आवामी नेशनल पार्टी (एएनपी) के समर्थकों को जिम्मेदार माना जाता है. एमक्यूएम को विभाजन के बाद भारत से पाकिस्तान जाने वाले उर्दू भाषी मुसलमानों की पार्टी समझा जाता है तो एएनपी को कराची में जा कर बसने वाले पश्तो भाषी पठानों की पार्टी कहा जाता है. एएनपी पाकिस्तान की संघीय सरकार में गठबंधन सहयोगी है जबकि एमक्यूएम पिछले दिनों ही सरकार से अलग हुई है.
पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग का कहना है कि इस साल के शुरुआती छह महीनों में कराची में 1,138 लोग मारे गए हैं. इनमें से 490 राजनीतिक, जातीय और सांप्रदायिक हिंसा का शिकार बने हैं. एमक्यूएम समर्थकों का कहना है कि उन्हें सरकार से अलग होने की सजा दी जा रही है. इस्लामाबाद में अमेरिकी दूतावास से जारी एक बयान में कराची की हिंसा की निंदा की गई है.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार
संपादनः ओ सिंह