कराची टारगेट किलिंगः तीन दिन में 70 मौतें
८ जुलाई २०११गुरुवार शाम शहर के पश्चिमी इलाके में 20 हथियारबंद लोगों ने दो बसों पर हमला किया और 10 मुसाफिरों की हत्या की जबकि 20 अन्य को घायल कर दिया. प्रांतीय गृह मंत्रालय के अधिकारी शरीफुद्दीन मेनन ने बताया, "बनारस चौक के इलाके में अज्ञात बंदूकधारी दो बसों में चढ़ गए और यात्रियों पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. इसमें दस लोग मारे गए और 20 घायल हो गए." उन्होंने बताया कि बंदूकधारियों की पहचान नहीं हो सकी है और वे घटना को अंजाम देने के बाद मौके से फरार हो गए. कराची पुलिस प्रमुख सऊद मिर्जा ने कहा कि मंगलवार से अब तक 63 लोग मारे गए हैं और डेढ़ सौ घायल हैं जबकि प्रांतीय सूचना मंत्री शारजील मेमन का कहना है कि कुल 70 लोगों की मौत हुई है जिनमें से 37 गुरुवार को मारे गए.
एक अन्य सुरक्षा अधिकारी ने भी इस घटना और इसमें मरने वालों की संख्या की पुष्टि की है. गुरुवार को शहर के तनावग्रस्त इलाकों में दिन भर एंबुलेंस घूमती रहीं और पीड़ितों को अस्पताल ले जाने का सिलसिला जारी रहा. इससे पहले अधिकारियों ने बताया कि लगातार तीसरे दिन शहर में हिंसा जारी रही जिसमें 40 लोग मारे गए. इनमें बसों पर हुए हमलों के शिकार लोग शामिल नहीं हैं.
नई नहीं कराची की हिंसा
कराची में खास तौर से निशाना बना कर की जाने वाली इन हत्याओं के लिए मुत्तेहिदा कौमी मूवमेंट (एक्यूएम) और आवामी नेशनल पार्टी (एएनपी) के समर्थकों को जिम्मेदार माना जाता है. एमक्यूएम को विभाजन के बाद भारत से पाकिस्तान जाने वाले उर्दू भाषी मुसलमानों की पार्टी समझा जाता है तो एएनपी को कराची में जा कर बसने वाले पश्तो भाषी पठानों की पार्टी कहा जाता है. एएनपी पाकिस्तान की संघीय सरकार में गठबंधन सहयोगी है जबकि एमक्यूएम पिछले दिनों ही सरकार से अलग हुई है.
एक सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि शहर के कई इलाकों में दशहत का माहौल है और सूरज छिपने तक कई इलाकों से गोलियों की आवाजें सुनी जाती रहीं. स्थानीय लोगों का कहना है कि वे तो बस अपने घरों में कैद हो कर रह गए हैं. कराची के औरंगी इलाके में एक स्कूल टीचर मोहम्मद असगर बेग ने कहा, "बहुत से लोगों का राशन खत्म हो गया है. न तो घरों में छोटे बच्चों के लिए दूध बचा है और न ही मरीजों को अस्पताल जे जाना मुमकिन है."
एमक्यूएम ने कराची में ताजा हिंसा के विरोध में शुक्रवार को विरोध प्रदर्शन करने का एलान किया है. एमक्यूएम के नेता रजा हारून का कहना है, "हमारे समर्थकों को इसलिए मारा जा रहा है क्योंकि हमने सरकार से समर्थन वापस ले लिया है. हमने तय किया है कि हमारे सांसद कराची और इस्लामाबाद में शुक्रवार को शांतिपूर्ण तरीके से रैली करेंगे." कराची पाकिस्तान की आर्थिक राजधानी कहा जाता है. आर्थिक रूप से बदहाल पाकिस्तान की आमदनी का एक बड़ा जरिया यही शहर है.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार
संपादनः ओ सिंह