कर्ज संकट पर अमेरिका अधर में, प्लान बी की तलाश
२७ जुलाई २०११कर्ज की सीमा बढ़ाने पर सहमति नहीं होने से अमेरिकी बाजार और वैश्विक बाजार में हलचल देखी जा सकती है. निवेशक और आम अमेरिकी नागरिक उम्मीद कर रहे हैं कि समझौते में देरी के बावजूद देश में हालात ठीक रहेंगे. कर्ज की सीमा बढ़ाए जाने पर रिपब्लिकन पार्टी और डेमोक्रेटिक पार्टी के बीच गहरा मतभेद है. अमेरिका का कर्ज पहले तय की गई सीमा तक पहुंच चुका है और अगर उसे बढ़ाया नहीं जाता है तो अमेरिका भुगतान की स्थिति में नहीं रहेगा. अब उस पर क्रेडिट रेटिंग कम किए जाने की तलवार लटक रही है जिसका दुनिया के बाजारों पर सीधे असर पड़ेगा.
तू तू मैं मैं
अमेरिका में पहले भी कर्ज की सीमा को बढ़ाया जाता रहा है. कई सप्ताह से चली आ रही बहस में लगा था कि देश की दोनों पार्टियों में समझौता हो जाएगा लेकिन रिपब्लिकन और डेमोक्रेट्स दोनों ही अपनी अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं और एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं कि वे पार्टी हित को राष्ट्रीय हित से ज्यादा महत्व दे रहे हैं.
रिपब्लिकन बहुमत के नेता जॉन बेनर को अपने प्रस्ताव में सुधार करना पड़ा क्योंकि एक विश्लेषक ने दावा किया कि अगले दस साल में खर्च में जितनी कटौती होनी चाहिए थी उससे 350 अरब डॉलर कम हो रही है.
राष्ट्रपति बराक ओबामा ने चेतावनी दी है कि वह बेनर की योजना पर वीटो लगा देंगे और सीनेट के वरिष्ठ डेमोक्रेट हैरी रीड ने इसे अकाल मौत की संज्ञा दे दी है. रिपब्लिकन पार्टी के रुढ़िवादी धड़े ने फिर से करों में बढ़ोत्तरी का विरोध किया और सामाजिक कार्यक्रमों में भारी कटौती की मांग की जो कि ओबामा प्रशासन की सुरक्षा में चलाई जा रही है.
राहत नहीं
व्हाइट हाउस ने कहा कि वह कांग्रेस के साथ मिल कर प्लान बी पर काम कर रही है. उम्मीद जताई जा रही है कि इससे तुरत फुरत में एक समझौता हो सकेगा और परेशान वित्त बाजार को राहत मिल सकेगी. मंगलवार को भी अमेरिकी बाजार की हालत पतली ही रही और बुधवार सुबह एशियाई बाजार खुलने के साथ डॉलर की कीमत कम ही रही. अमेरिका के भुगतान संकट के डर से सोने की कीमत रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है जबकि यूरोपीय शेयरों पर दबाव है.
बहरहाल राष्ट्रपति ओबामा ने बेनर का दो स्तरों वाली कर्ज योजना खारिज कर दी है क्योंकि ओबामा कहते हैं कि इससे वित्त मंत्रालय का कर्ज ले सकने का अधिकार सिर्फ एक साल बढ़ेगा. हालांकि उन्होंने रीड की उस योजना को स्वीकृति दे दी थी जिसके अनुसार अमेरिका की कर्ज सीमा को 14,300 अरब डॉलर से बढ़ाया जा सके.
दोनों ही योजनाएं यह सुनिश्चित नहीं करती कि इससे अमेरिका की क्रेडिट रेटिंग नहीं गिरेगी. दुनिया की तीनों सबसे बड़ी क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों ने अमेरिका को चेतावनी दी है कि उसे एक विश्वसनीय बजट घाटा योजना बनानी होगी ताकि उसकी रेटिंग सबसे ऊपर ट्रिपल ए प्लस बनी रहे.
रिपोर्टः एजेंसियां/आभा एम
संपादनः महेश झा