कोई ऐसा मिले जो मुझे समझे: इवानोविच
१७ फ़रवरी २०११नया साल सर्बिया की टेनिस खिलाड़ी इवानोविच के लिए अच्छा साबित नहीं हुआ है और वह अब तक खेले अपने पांच में से दो मैच हार चुकी हैं. हार के बाद उन्हें फिर से अपनी जीत के सिलसिले को वापस पाने के रास्ते तलाशने पड़ रहे हैं.
वैसे तो उनमें पहले जैसा दमखम नहीं दिख रहा है लेकिन वह भावनात्मक कमजोरी के दौर से भी गुजर रही हैं. इवानोविच भी अब यह बात खुलकर स्वीकार कर रही हैं. वह फिसलकर 19वीं रैंकिंग पर पहुंच गई हैं.
इवानोविच और उनके कोच एन्टोनियो वान ग्रिशेन ने अपने रास्ते अलग कर लिए हैं और अब वह नए कोच की तलाश में हैं. "मुझे कोई ऐसा चाहिए जो एक व्यक्ति के रूप में मुझे समझ सके, मेरी जरूरतों को समझ सके. मैं चाहती हूं कि मुझे कोई ऐसा व्यक्ति मिले जो थोड़ा आरामतलब और चीजों को हल्के ढंग से लेने वाला हो. मैं बेहद गंभीर रहती हूं. मैं हर बात को 100 फीसदी सही होते देखना चाहती हूं और कुछ ज्यादा ही विश्लेषण करने लगती हूं. इसलिए अगर कोई मुझे हल्का फुल्का एहसास करा सके तो यह अच्छा होगा."
पिछले दो सालों में इवानोविच कई कोचों के साथ तैयारी कर चुकी हैं. उनका कहना है, "मुझे लगता है कि पुरुष कोच का होना कई मायनो में बेहतर है. पुरुषों और महिलाओं के सोचने का ढंग अलग होता है. लड़कियां हर चीज के लिए बेहद तनावग्रस्त रहती हैं जबकि लड़के चीजों को हल्के ढंग में लेने के आदी होते हैं. यह अच्छी आदत है और हमें इसे सीखना चाहिए."
सर्बिया के ही नोवाक जोकोविच ने इस साल ऑस्ट्रेलियाई ओपन जीता है और उन्हें देखकर इवानोविच को एहसास हुआ कि उन्हें कम तनाव लेने की जरूरत है. "मैंने जोकोविच के खेलने और तैयारी का तरीका देखा और मैंने सोचा कि मैं इतना तनावग्रस्त क्यों रहती हूं. महिलाओं के मुकाबले वह बेहद हल्के ढंग से चीजों को लेते हैं. हालांकि मेहनत में कमी नहीं छोड़ते." इवानोविच का कहना है कि वह खुद में ऐसे ही बदलाव देखना चाहती हैं.
रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़
संपादन: ए कुमार