कोच्चि की पारी खत्म होने की ओर
२७ नवम्बर २०१०नोटिस पीरियड के खत्म होने के दो दिन पहले ही कोच्चि को पैसा देने वाले निवेशकों ने बीसीसीआई को पत्र लिख दिया कि वे टीम से अलग हो रहे हैं. मतलब यह करीब करीब साफ है कि विवाद नहीं सुलझा और अब निवेशक टीम से अलग हो रहे हैं. ऐसे में बीसीसीआई के पास दूसरा कोई रास्ता बचा ही नहीं. यह नोटिस आईपीएल की गवर्निंग काउंसिल ने टीम मालिकों को आपसी विवाद सुलझाने के लिए दिया था.
10 अक्टूबर को बीसीसीआई ने किंग्स इलेवन पंजाब और राजस्थान रॉयल्स को करार के नियम तोड़ने पर आईपीएल से बाहर कर दिया. इसके बाद बीसीसीआई ने कोच्चि को आपसी विवाद सुलझाने के लिए 30 दिन का वक्त दिया और साथ ही यह चेतावनी भी कि विवाद खत्म न हुए तो उनका हाल भी पंजाब और राजस्थान की टीमों जैसा ही होगा.
कोच्चि टीम पर मालिकाना हक निवेशकों के एक समूह का है जिसके पास 74 फीसदी की हिस्सेदारी है. बाकी बचा 26 फीसदी हिस्सा गायकवाड़ परिवार को उनकी सेवाओं के लिए मुफ्त में दिया गया है. इसमें शैलेंद्र गायकवाड़, उनके भाई रवि और उनके मां-बाप शामिल हैं. यही 26 फीसदी हिस्सेदारी टीम के लिए मुसीबत की जड़ बन गई है क्योंकि निवेशक मुफ्त में हिस्सेदारी देने के लिए तैयार नहीं हैं. उधर गायकवाड़ परिवार अपनी हिस्सेदारी छोड़ने को तैयार नहीं. निवेशकों के समूह में एंकर अर्थ, पारिणी डेवलपर्स, रोजी ब्लू और फिल्म वेव शामिल हैं.
बीसीसीआई ने पहले कहा था कि आईपीएल 4 में कुल आठ टीमें हिस्सा लेंगी अब तक ये साफ नहीं है कि कोच्चि की टीम इसमें होगी या नहीं. बीसीसीआई उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला ने कहा, "बीसीसीआई को निवेशकों की तरफ से कुछ पत्र मिले हैं और कोच्ची के भविष्य का फैसला 28 तारीख को नागपुर में होगा."
रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन
संपादनः ए कुमार