कोच्चि को बचाने के लिए गावस्कर ने पैड कसे
२६ अक्टूबर २०१०गावस्कर के कोच्चि सलाहकार बनने पर टिप्पणी करते हुए क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने कहा है कि उसे पूर्व भारतीय कप्तान के साथ कोच्चि कंसोर्टियम के संपर्कों के बारे में पता नहीं है. कुछ सप्ताह पहले बाहर निकाले जाने तक सुनील गावसकर आईपीएल की गवर्निंग काउंसिल के सदस्य थे.
सुनील गावस्कर को कोच्चि फ्रैंचाइजी का सलाहकार नियुक्त किए जाने के बारे में कोच्चि ने कहा है कि उन्हें आईपीएल की गवर्निंग काउंसिल से निकाले जाने के बाद सलाहकार नियुक्त किया गया है. क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला ने कहा है कि बोर्ड को कोच्चि के फैसले की जानकारी नहीं है. उन्होंने कहा, "हमें इसकी सूचना कभी नहीं दी गई क्योंकि यह मामला नहीं उठा. पहली बार हमें इसके बारे में पता चल रहा है. हम इस पर कल की बैठक में चर्चा करेंगे."
कोच्चि को उम्मीद है कि उसे बीसीसीआई से वक्त मिल जाएगा. फ्रैंचाइजी के सीईओ सत्यजीत गायकवाड़ ने कहा, "फ्रैंचाइजी में तमाम साझीदार अपने मदभेदों को सुलझाने के बेहद करीब हैं और चाहते है कि बीसीसीआई हमें कुछ और वक्त दे. हमने बीसीसीआई का कोई बकाया नहीं रखा है. हम सिर्फ कुछ समय चाहते हैं."
बीसीसीआई के प्रमुख शशांक मनोहर ने बुधवार को नागपुर में आईपीएल गवर्निंग काउंसिल की एक आपात बैठक बुलाई है जिसमें कोच्चि के मामले पर फैसला होगा. विवाद इस बात को लेकर है कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड से 33.3 करोड़ डॉलर में खरीदी गई कोच्चि का कर्ताधर्ता कौन होगा. इनमें निवेश करने वालों में एंकर अर्थ, पैरीनी डिवेलपर्स, रोजी ब्लू और फिल्म वेव जैसी कॉर्पोरेट कंपनियां हैं जिसके पास 75 हिस्सेदारी है. बाकी 25 हिस्सेदारी गायकवाड़ परिवार के सदस्यों को दी गई है.
बीसीसीआई ने 10 अक्टूबर को 10 दिन का समय देते हुए कोच्चि से अपने विवाद सुलझाने को कहा. इस समयसीमा के आखिरी दिन 20 अक्टूबर को फ्रैंजाइजी ने बीसीसीआई को एक पत्र सौंपा. क्रिकेट बोर्ड की कानूनी टीम को इस खत का कानूनी रूप से जायजा लेने की जिम्मेदारी दी गई है. इससे पहले रिपोर्टों के मुताबिक सुनील गावस्कर ने आईपीएल की बोली के दौरान कोच्चि फ्रैंचाइजी को निवेशकर्ता दिलवाने में मदद की थी.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार
संपादनः उज्ज्वल भट्टाचार्य