'कोड़ों से मरी' हेना की कब्र खोदने के आदेश
७ फ़रवरी २०११ढाका से छपने वाले अखबार डेली स्टार की रिपोर्ट के मुताबिक अदालत ने एक तीन सदस्यीय टीम बनाई है जिसमें शामिल डॉक्टर और फोरेंसिक विशेषज्ञ लड़की के शव का फिर से पोस्टमार्टम करेंगे. अदालत ने इस मामले में पुलिस की जांच और पोस्टमार्टम रिपोर्ट को मानने से इनकार कर दिया. अदालत ने जांच रिपोर्ट तैयार करने वाले सब इंस्पेक्टर असलम उद्दीन, डॉक्टर सुल्तान अहमद और निर्मल चंद्र दास को भी समन भेजा है. इन्हीं डॉक्टरों ने शरियतपुर सद्र अस्पताल में हेना का पोस्टमार्टम किया था. अदालत ने स्थानीय पार्षद इदरिस शेख को भी 10 फरवरी को सुबह 10 बजे अदालत में हाजिर रहने का आदेश दिया. शेख पर ही हेना को कोड़े मारने का आरोप है.
डेली स्टार में छपी रिपोर्ट के बाद अदालत ने यह कदम उठाया है. इस रिपोर्ट के मुताबिक न तो पुलिस को और न ही पोस्टमार्टम करने वालों को हेना के शरीर पर चोट के कोई निशान मिले जबकि राष्ट्रीय मीडिया के मुताबिक घटनास्थल पर मौजूद बहुत से लोग उसे कोड़े मारे जाने के गवाह हैं. शरियतपुर के चमता में गांव में फतवा जारी होने के बाद हेना को प्रताड़ित किया गया जिसके बाद उसकी मौत हो गई. बताया जाता है कि लड़की को सरे आम कोड़े लगाए गए.
चश्मदीदों के मुताबिक हेना के 40 वर्षीय रिश्तेदार महबूब ने उसका बलात्कार किया. महबूब की पत्नी शिल्पी और ससुराल वालों ने भी उसे प्रताड़ित किया. बताया जाता है कि 23 जनवरी को उसे एक दिन में कम से कम 50 बार कोड़े मारे गए. अगले दिन एक स्थानीय इमाम ने फतवा जारी कर हेना को 101 और महबूब को 200 कोड़े मारने का हुक्म दिया. महबूब पर 50 हजार टका जुर्माना भी लगाया गया. चश्मदीदों का कहना है कि कोड़े लगते समय हेना एक बार जमीन पर भी गिर गई.
यह भी कहा जाता है कि इदरिस और अन्य लोगों ने 25 जनवरी तक हेना को अस्पताल भी नहीं ले जाने दिया जबकि उसकी हालत लगातार बिगड़ रही थी. उसकी मौत के बाद पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार किया. हाफिज मोहाफिज, अला बक्श, जोयनल सिकंदर और महबूब की पत्नी शिल्पी ने मैजिस्ट्रेट के सामने अपना जुर्म कबूला. पुलिस हेना को कोड़े मारने वाले महबूब, इमाम सैफुल्लाह, इदरिस और मोनिमाला को नहीं पकड़ पाई है.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार
संपादनः वी कुमार