शादी में डीजे पर भड़के इमाम
१७ जनवरी २०११दोनों संगठनों का कहना है कि इस्लाम शादियों में डीजे बजाने की इजाजत नहीं देता है. इसे शरियत के खिलाफ बताया गया है. जमीयत उलेमा ए हिंद ने डीजे के साथ दहेज के दिखावे के खिलाफ भी आवाज उठाई है. कहा है कि दहेज का सामान दिखाना इस्लाम के खिलाफ है. दोनों संस्थाओं के अलावा कई अन्य उलेमाओं ने भी डीजे के खिलाफ आवाज बुलंद की है.
फैसला मुस्लिम समुदाय के उलेमाओं का है लेकिन इसका समर्थन कई सामाजिक संगठन भी कर रहे हैं. उत्तर भारत में इन दिनों शादियों में डीजे बजाना आम हो गया है.
सैकड़ों शहरों में बने लाखों बारात घर रिहायशी इलाकों के बीच में हैं. डीजे के तेज शोर की वजह से बारात घरों के आस पास रहने वालों को खासी परेशानी होती है. कई बार तेज शोर की वजह से पड़ोसी रात में सो नहीं पाते. ब्लड प्रेशर के शिकार बुजुर्गों को ऐसी स्थिति में खासी परेशानी होती है. वैसे भी भारत में शादियों के समय में अक्सर स्कूली छात्रों की परीक्षाओं का सीजन होता है, लेकिन जिन घरों में शादी होती है, उन्हें लोगों की चिंताओं से कोई फर्क नहीं पड़ता. वैसे तो रात को 11 बजे के बाद डीजे बजाना गैरकानूनी है.
रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह
संपादन: वी कुमार