कोलंबिया और वेनेजुएला विवाद, राष्ट्रपति मिलेंगे
९ अगस्त २०१०वामपंथी हूगो चावेज ने कोलंबिया के साथ 22 जुलाई को कूटनीतिक संबंध तोड़ दिए थे. सांतोस के पूर्वगामी अल्वारो ऊरीबे ने वेनेजुएला पर आरोप लगाया था कि उसने अपनी भूमि पर वामपंथी विद्रोहियों को पनाह दे रखी है. चावेज ने इन आरोपों का जोरदार खंडन किया.
सांतोस ने शनिवार को पद की शपथ ली और उसके तुरंत बाद संबंधों को सुधारने के लक्ष्य से चावेज को वार्ता का प्रस्ताव दिया. चावेज ने अपने विदेश मंत्री निकोलास मादुरो को सांतोस के शपथ ग्रहण समरोह में भाग लेने भेजा था. वार्ता के प्रस्ताव के जवाब में चावेज ने तुरंत कहा कि वे पेज को पलटने के लिए तैयार हैं और यदि सांतोस वेनेजुएला नहीं आ सकते तो वे कोलंबिया जाने के लिए तैयार हैं.
कोलंबिया की विदेश मंत्री मारिया अंजेला होलगिन ने वेनेज्वेला के विदेश मंत्री मादुरो से मुलाकात के बाद सांतोस-चावेज शिखर भेंट की घोषणा की. होलगिन ने कहा, "हमने खुली और दोटूक बातचीत की, हमारे दोनों देश संबंधों को पारदर्शिता के ढांचे में फिर से बहाल करना चाहते हैं."
कोलंबिया इलाके में अमेरिका का मुख्य सहयोगी है जबकि वामपंथी चावेज 1999 में राष्ट्रपति बनने के बाद से ही अमेरिका और कोलंबिया दोनों की आंखों का कांटा हैं. अमेरिका के खिलाफ बोलने का कोई मौका चावेज नहीं छोड़ते. पिछले साल अमेरिका ने कोलंबिया के साथ सैनिक अड्डे वाला समझौता किया था जिसे चावेज ने क्षेत्र में अस्थिरता लाने वाला बताया था.
वेनेजुएला और कोलंबिया के बीच संबंध सुधरने के संकेत हैं तो अमेरिका के साथ वेनेज्वेला की तनातनी बनी हुई है. वेनेजुएला ने कहा है कि वह अमेरिका के नवनियुक्त राजदूत लैरी पाल्मर को स्वीकार नहीं करेगा. चावेज ने एक टेलिविजन प्रोग्राम में कहा, "आप कैसे सोचते हैं ओबामा कि मैं उस भद्र पुरुष को राजदूत के रूप में स्वीकार करूंगा?" पाल्मर ने पिछले दिनों सीनेट में कहा था कि वेनेजुएला की सेना का मनोबल बहुत नीचा है और वामपंथी कोलंबियाई विद्रोहियों और चावेज सरकार के सद्सयों के बीच साफ रिश्ते हैं.
रिपोर्ट: एजेंसियां/महेश झा
संपादन: ओ सिंह