क्या मंजिल तक पहुंचेगी इंडो पाक एक्सप्रेस
१० सितम्बर २०१०एक तरफ पहले ग्रैंड स्लैम के लिए संघर्ष कर रही भारत और पाकिस्तान के टेनिस खिलाड़ियों की जोड़ी है, तो दूसरी तरफ जुड़वां भाई, जिन्होंने पिछले कितने ही बरसों से डबल्स खिताब को जीतना अपनी आदत बना ली है. ब्रायन बंधु आठ बार ग्रैंड स्लैम जीत चुके हैं और दुनिया में पहले नंबर पर आते हैं. बॉब ब्रायन ने तो अभी अभी एक दिन पहले ही मिक्स्ड डबल्स का खिताब भी जीता है, जो उनके जीवन का 14वां ग्रैंड स्लैम रहा.
फिर भी भारत और पाकिस्तान के लोग बड़ी उम्मीद के साथ उस जोड़ी को देख रहे हैं, जिन्होंने अचानक दोनों देशों में एक नया रिश्ता जोड़ दिया है. यूं तो 30-30 साल के रोहन बोपाना और एसाम उल हक कुरैशी विश्व टेनिस में कुछ खास नहीं कर पाए हैं और उनकी वरीयता भी काफी नीचे रही है. लेकिन दो तीन साल पहले जबसे उनकी जोड़ी बनी है, तब से उनकी चर्चा जरूर हो रही है. हाल में चर्चा तेज हो गई क्योंकि जोड़ी पहली बार किसी ग्रैंड स्लैम के फाइनल में पहुंची है.
कुरैशी और बोपाना की इस जोड़ी ने मैच भले न जीते हों लेकिन दिल जीतने में कामयाब जरूर रहे हैं. उन्होंने इसे इंडो पाक एक्सप्रेस का नाम दिया है और उनकी ख्वाहिश है कि भारत पाकिस्तान की सरहद पर टेनिस का मैच खेला जाए. बोपाना और कुरैशी कहते हैं कि अगर दोनों मुल्कों के दो तीन प्रतिशत लोग भी उनकी वजह से अमन के रास्ते पर चल पड़ें तो उनका काम पूरा हो जाएगा. भारत और पाकिस्तान में भले इस काम में देर लगे लेकिन न्यूयॉर्क में सेमीफाइनल मैच के दौरान तो बड़ा दोस्ताना नजर आया. संयुक्त राष्ट्र में भारत और पाकिस्तान के राजदूत एक साथ बैठ कर इस जोड़ी की हौसला अफजाई करते नजर आए. उन्होंने वादा किया है कि शुक्रवार को जब यह जोड़ी अपने पहले ग्रैंड स्लैम खिताब के लिए ग्राउंड में उतरेगी, तो वे एक बार फिर फ्लशिंग मीडोज पर एक साथ बैठ कर उनका उत्साह बढ़ाएंगे.
जब मुकाबले में ब्रायन बंधु जैसा दिग्गज मुकाबिल हो, तो अच्छे खेल के साथ साथ हौसला अफजाई की जरूरत भी बढ़ जाती है. बोपाना और कुरैशी का वादा है कि वह अपना सर्वश्रेष्ठ खेल दिखाएंगे क्योंकि वे सिर्फ टेनिस नहीं खेल रहे हैं बल्कि इसके पीछे कुछ मकसद भी छिपा है.
रोहन बोपाना भारत में दूसरे नंबर के टेनिस खिलाड़ी हैं, जबकि कुरैशी पाकिस्तान में पहले नंबर के. दोनों अपने अपने देशों के लिए डेविस कप में हिस्सा ले चुके हैं और कुरैशी कुछ अंतरराष्ट्रीय तमगे भी हासिल कर चुके हैं. लेकिन एकल वर्ग में उनका प्रदर्शन कुछ अच्छा नहीं रहा है और उनकी वरीयता कभी भी 200 से बेहतर नहीं हो पाई.
जीत की उम्मीद थोड़ी कम है लेकिन टेनिस में भी अनिश्चितताओं की संभावना रहती है. अमेरिका में ही भला 14 साल पहले का वह मैच कौन भूल सकता है, जब 23 साल के लिएंडर पेस ने अटलांटा ओलंपिक में भारी उलटफेर करते हुए कांस्य पदक हासिल किया था. क्या पता इस बार का उलटफेर इंडो पाक एक्सप्रेस के नाम हो जाए.
रिपोर्टः अनवर जे अशरफ
संपादनः उज्ज्वल भट्टाचार्य