खिलाड़ी जानबूझ कर करते हैं डोपिंगः सायना
७ जुलाई २०११मुंबई में टाइटन घड़ी के एक कार्यक्रम के दौरान नेहवाल ने कहा, "मैं कई एथलीट और भारोत्तोलकों को जानती हूं, जिन्होंने मुझे बताया है कि वे ऐसी दवाइयां लेते हैं." भारत में हाल में डोपिंग का जबरदस्त साया पड़ा है और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्पोर्ट्स (एनआईएस) में ट्रेनिंग ले रहे आठ एथलीट डोपिंग टेस्ट में फेल हो गए हैं. ऐसी भी खबरें हैं कि प्रतिबंधित दवाइयां पटियाला में एनआईएस के पास की दवा दुकानों में आसानी से उपलब्ध हैं.
यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें इस बात की जानकारी है कि दवा दुकानों में ये दवाइयां मिलती हैं, दुनिया की छठी नंबर की बैडमिंटन खिलाड़ी ने कहा, "मुझे नहीं मालूम कि ये मिलती हैं या नहीं. मैं ऐसी दवाइयां नहीं लेती." हालांकि उनका कहना है कि दवाइयों के बारे में खिलाड़ियों के बीच जागरूकता की कमी है और इस वजह से भी वे इस जाल में फंस जाते हैं.
नेहवाल ने कहा, "यह दुख की बात है कि उन्हें नहीं पता होता है कि वे कौन सी दवाइयां ले रहे हैं. मुझे यकीन है कि वाडा के नियम सबको पता हैं. उनकी एक वेबसाइट भी है, जो बताती है कि कौन सी दवाइयां प्रतिबंधित हैं. मुझे लगता है कि वे जानते ही नहीं हैं. कई एथलीट और भारोत्तोलक बहुत पढ़े लिखे नहीं हैं और उनके कोच उन्हें जो कुछ भी देते हैं, वे ले लेते हैं."
21 साल की हैदराबाद की खिलाड़ी का कहना है कि वह कोई भी दवा लेने से पहले अपने डॉक्टर और फिजियोथिरेपिस्ट से मशविरा लेती हैं और दूसरे खिलाड़ियों को भी ऐसा ही करना चाहिए. उन्होंने कहा, "अगर मुझे बुखार भी होता है तो मैं अपने फिजियो और डॉक्टर से पूछती हूं कि कौन सी दवा लूं और कौन सी दवाइयों पर पाबंदी है."
हाल ही में भारत के कई खिलाड़ी डोपिंग में फंसे हैं. इनमें कॉमनवेल्थ और एशियाई खेलों का स्वर्ण जीतने वाली रिले रेस की सदस्य मनदीप कौर और सिनी जोस का नाम उल्लेखनीय है. इसके अलावा लंबी दूरी की धाविका जौना मुर्मू भी पाबंदी वाली दवा लेने की दोषी पाई गई हैं. उनके अलावा धाविका तियाना मेरी थोमस और लंबी कूद करने वाले हरिकृष्ण मुरलीधरन के साथ साथ गोला फेंकने वाली सोनिया भी डोपिंग में दोषी पाई गई हैं.
भारत की दो एथलीट अश्विनी अकुंजी और प्रियंका पवार एशियाई चैंपियनशिप के लिए जापान रवाना होने से ठीक पहले डोपिंग टेस्ट में फेल हो गईं.
रिपोर्टः पीटीआई/ए जमाल
संपादनः ओ सिंह